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    कौन होगा यूपी का अगला डीजीपी? प्रशांत कुमार का सर्विस टाइम पूरा, रेस में इन पांच आईपीएस अधिकारियों का नाम आगे

    Updated: Thu, 22 May 2025 11:22 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश पुलिस के अगले मुखिया को लेकर अटकलें तेज हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल पूरा होने वाला है। संघ लोक सेवा आयोग को अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। नियमावली को मंजूरी मिलने के बावजूद समिति का गठन नहीं हो सका है जिससे कार्यवाहक डीजीपी की संभावना बढ़ गई है। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा रहा है।

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    जीपी प्रशांत कुमार का इस माह सेवाकाल पूरा हो रहा है।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के अगले मुखिया के नाम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार का इस माह सेवाकाल पूरा हो रहा है और उनके बाद भी प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी की तैनाती की उम्मीदें कम दिख रही हैं। 

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    सूत्रों के अनुसार, अब तक संघ लोक सेवा आयोग को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अब प्रस्ताव भेजे जाने की स्थिति में उस पर 10 दिनों के भीतर अमल होना मुश्किल है। 

    राज्य सरकार पिछले वर्ष डीजीपी के चयन के लिए पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी जरूर दी थी, पर उसके तहत अब तक समिति का गठन भी नहीं हो सका है। इन परिस्थितियों में प्रदेश में लगातार पांचवीं बार कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने की ही संभावना अधिक नजर आ रही है। 

    प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की भी अटकलें 

    प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद नियुक्त किए गए पहले डीजीपी सुलखान सिंह को सेवा विस्तार प्रदान किया जा चुका है।

    1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार के अलावा डीजी जेल के पद पर तैनात इसी बैच के आईपीएस अधिकारी पीवी रामाशास्त्री व डीजी टेलीकॉम डॉ. संजय एम. तरडे का सेवाकाल भी 31 मई को पूरा हो जाएगा। 

    सूत्रों के अनुसार, प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने की दशा में 1990 बैच के ही डीजी होमगार्ड के पद पर तैनात बीके मौर्य व एमके बशाल को भी कार्यवाहक डीजीपी बनने का अवसर मिल सकता है। 

    हालांकि, इसी बैच के संदीप सांलुके, दलजीत सिंह चौधरी व रेणुका मिश्रा भी वरिष्ठता सूची में आगे हैं। प्रशांत कुमार वरिष्ठता क्रम में इनसे पीछे थे। प्रशांत कुमार के बाद वरिष्ठता सूची में 1990 बैच की ही आईपीएस अधिकारी तिलोत्तमा वर्मा हैं, जिनका सेवाकाल नवंबर माह तक है। 

    राजीव कृष्ण भी प्रबल दावेदार 

    अगले डीजीपी के रूप में 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी केंद्र में डीजी एसपीजी के पद पर तैनात आलोक शर्मा व डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

    वर्तमान सरकार में अब तक आठ डीजीपी बने हैं। 24 अप्रैल, 2017 को सबसे पहले सुलखान सिंह डीजीपी बने थे, जिन्हें एक सेवा विस्तार भी मिला था। उनके बाद ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी व मुकुल गोयल पूर्णकालिक डीजीपी के रूप में तैनात रहे। जबकि डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार व प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी बने।