Move to Jagran APP

Ivermectin पर केजीएमयू समेत देश के छह डॉक्टरों के श्वेत पत्र, WHO की वेबसाइट पर डंका

कोरोना वायरस के इलाज में आइवरमेक्टिन पर केजीएमयू समेत देश के छह डॉक्टरों ने भेजा श्वेत पत्र भारतीय डॉक्टरों के श्वेत पत्र का 100 से अधिक देशों ने किया अध्ययन। करीब 40 वर्षों से आइवरमेक्टिन फाइलेरिया व कुछ वायरस जनित बीमारियों में बेहद कारगर साबित होती आ रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:17 AM (IST)
Ivermectin पर केजीएमयू समेत देश के छह डॉक्टरों के श्वेत पत्र, WHO की वेबसाइट पर डंका
कोरोना के इलाज व बचाव में कारगर साबित हो रही है आइवरमेक्टिन, केजीएमयू समेत छह डॉक्टरों ने भेजा श्वेत पत्र।

लखनऊ, जेएनएन। आइवरमेक्टिन दवा लगातार कोरोना को मात देने में सफल हो रही है। यह कोरोना के इलाज के साथ-साथ संक्रमण से बचाव में भी उपयोगी है। इस पर केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी व देश के अन्य छह विशेषज्ञों की तरफ से तैयार श्वेत पत्र को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया है। इससे देश को गौरवान्वित होने का मौका मिला है।

loksabha election banner

विशेषज्ञों के अनुसार यह कोरोना संक्रमित मनुष्य की कोशिकाओं व कोशिकाओं के न्यूक्लियस में कोरोना वायरस को प्रवेश नहीं करने देती। संक्रमण की दर को भी हज़ारों गुना तक कम कर देती है। अब तक दुनिया के 100 से अधिक देश स्वेत पत्र का अध्ययन कर चुके हैं।

डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि सबसे पहले देश में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के इलाज व बचाव के लिए आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर बीते छह अगस्त को गाइडलाइन जारी की थी। उन्होंने बताया कि यह संक्रमण की प्रतिलिपि दर को भी कई गुना तक कम कर देती है। करीब 40 वर्षों से दुनिया भर में आइवरमेक्टिन फाइलेरिया समेत कृमिजनित बीमारियों और कुछ वायरस जनित बीमारियों में बेहद कारगर साबित होती आ रही है।

दुनिया भर में आइवरमेक्टिन पर चल रहे 40 से अधिक क्लीनिकल ट्रायल:आइवरमेक्टिन पर कोविड-19 के उपचार, बचाव व असर को लेकर दुनिया भर में 40 से अधिक क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। यह डॉक्सीसाइक्लिन व हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ भी प्रभावी तरीके से कोरोना को रोकने व इलाज में काम करती है। इस दवा के प्रभाव व उपयोग को देखते हुए डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी के अतिरिक्त दिल्ली के डॉक्टर वीके अरोरा, चंडीगढ़ के डॉक्टर दिगंबर बेहरा, मुंबई के डॉक्टर अगम बोरा, कोयंबटूर के डॉक्टर टी मोहन कुमार, केरल के डॉक्टर नारायणा प्रदीप ने इस पर श्वेतपत्र जारी किया था। इस दवा को लक्षण रहित, माइल्ड व मॉडरेट रोगियों के उपचार और रोकथाम हेतु दी जा रही है। यह बहुत सुरक्षित दवा है। केवल गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जा सकती।

श्वेतपत्र की सराहना के बाद डब्ल्यूएचओ ने दी वेबसाइट पर जगह: श्वेत पत्र जारी होने के बाद 100 से अधिक देशों में इसे पढ़ा गया। कोरोना के उपचार, रोकथाम इत्यादि पर इसके असर को लेकर की गई सराहना के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारतीय डाक्टरों के श्वेत पत्र को अपनी वेबसाइट पर जगह दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.