किसे बनाया जाएगा भारत का पहला गरीबी मुक्त राज्य? 15 लाख परिवारों के जीवन में सुधार करेगी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2025 तक राज्य को गरीबी मुक्त बनाने के लिए जीरो पावर्टी अभियान शुरू किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हर ग्राम ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अभाव भरा जीवन यापन कर रहे गरीब परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ी पहल की है। सरकार ने इस साल अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश को देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनाने का बीड़ा उठाया है। मिशन मोड पर जीरो पावर्टी अभियान के तहत ऐसे परिवारों को चिन्हित करने के लिए सर्वेक्षण भी शुरू हो गया है।
जो अब तक मकान, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे हैं। प्रदेश सरकार इसके अलावा भी पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि, शक्ति रसोई,दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी अलग-अलग योजनाएं चलाकर आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
सीएम योगी ने एक वर्ष का लक्ष्य किया निर्धारित
कई दशकों से गरीबी का दंश झेल रहे लाखों परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले साल दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को देश का पहला गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने की घोषणा की थी। यह लक्ष्य दो अक्टूबर 2025 को महात्मा गांधी की जयंती तक हासिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स्वयं इस महत्वाकांक्षी योजना की निगरानी कर रहे हें। इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे निर्धनतम परिवारों को चिह्नित कर उनको गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। हर ग्राम पंचायत में 10 से 25 निर्धनतम परिवार चिह्नित किए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 15 लाख से अधिक निर्धनतम परिवारों का जीवन स्तर सुधारा जाएगा।

चिन्हित निर्धन परिवारों को भोजन व वस्त्र की उपलब्धता के साथ मकान, अच्छी शिक्षा व चिकित्सा और आय सुनिश्चित करने के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शासनादेश जारी भी जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) को नोडल अधिकारी बनाया है। निर्धनतम परिवाराें का चयन चार मानकों के आधार पर होगा।
ऐसे परिवार जिनके पास अपना मकान नहीं है या फिर उनके मकान कच्चे हैँ। वह भूमिहीन परिवार जिनके पास कृषि परक आजीविका के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। दिहाड़ी मजदूरी व कृषि मजदूरी पर आधारित वह परिवार जिनकी आय अनिश्चित व अनियमित आय है और जिन परिवारों में हमेशा खाने पीने और आर्थिक संसाधनों की कमी है। ऐसे निर्धन परिवार इस साल गरीबी से मुक्त होंगे।
सरकार इन निर्धन परिवारों को केंद्रित करते हुए अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव भी करेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे गरीब 10 से 25 परिवारों को चिह्नित करने के लिए त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था अपनाई जाएगी। पहले माप-अप मोबाइल एप पर इन गरीबों का डाटा अपलोड होगा। इसके बाद ग्राम स्तरीय कर्मचारी, कैडर पंचायत सहायक, ग्राम रोजगार सेवक, आजीविका मिशन से संबद्ध समूह सखी और बीसी सखी के माध्यम से स्थलीय निरीक्षण करेंगी।
किसी परिवार के पास स्मार्ट मोबाइल फोन है तो वह स्वयं भी इसकी सूचना भर सकेंगे। स्थलीय निरीक्षण के बाद जीरो पावर्टी पोर्टल पर परिवार का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। हर ग्राम पंचायत में पांच सदस्यीय ग्राम स्तरीय कमेटी गठित होगी। इसमें ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के हेड मास्टर और स्वयं सहायता समूह के सदस्य होंगे।
अगर कोई स्वयं सहायता समूह नहीं है तो फिर समिति में आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगी। तीसरे स्तर पर इनका डिजिटल पंजीकरण होगा। सभी निर्धनतम परिवारों को एक फैमिली आइडी भी दी जाएगी। जीरो पावर्टी पोर्टल और फैमिली आइडी पोर्टल को आपस में लिंक किया जाएगा। ऐसे निर्धनतम परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से लाभान्वित नहीं हैं या जिनका फैमिली आइडी नहीं है।
उनकी फैमिली आइडी व राशन कार्ड बनवाया जाएगा। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ, बच्चों का स्कूल में दाखिला और निश्शुल्क यूनिफार्म इत्यादि दिलाई जाएगी, आयुष्मान योजना से पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा, मनरेगा और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और समेकित बाल विकास सेवा योजना सहित गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
इन्हें आय के लिए एक विशिष्ट आर्थिक परियोजना तैयार की जाएगी। सरकार की इस योजना में सरकारी धन के अलावा कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का भी उपयोग किया जाएगा। गरीब परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कंपनियों और संगठनों से सहयोग लेगी।
बढ़ेगा कल्याकारी योजनाओं का दायरा
सरकार दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) सहित गरीबी उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण अपनी कई योजनाओं का दायरा बढ़ाएगी। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के तैयार किए गए उत्पादों की सही कीमत दिलाने के लिए सरकार बाजार उपलब्ध कराएगी।
इस योजना में अब तक प्रदेश की 5,73,580 से अधिक शहरी गरीब महिलाओं को 59,399 स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है। वहीं, 35, 483 स्वयं सहायता समूहों को 10 हजार रुपये की दर से 35.48 करोड़ रुपये का रिवाल्विंग फंड अवमुक्त किया गया है।
इसी तरह 11 शहरों में 8759 स्ट्रीट वेंडरों के लिए 55 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। आठ माडल वेंडिंग जोन का काम भी पूरा हो गया है। उत्तर प्रदेश में अब तक 12 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि दी गई है।
पात्रों को 10 हजार रुपये तक का सिक्यूरिटी फ्री लोन, नियमित भुगतान करने पर सात प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, डिजिटल लेनदेन पर साल में 1200 रुपये तक कैशबैक और समय से भुगतान करने पर अगली बार बड़ा लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार इन योजनाओं का दायरा इस साल और बढ़ाएगी। जिससे बड़ी संख्या में गरीब परिवार लाभांवित होकर अपना जीवन-यापन कर सकें।

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