उत्तर प्रदेश में कब से शुरू होगा SIR, लोगों को दिखाने होंगे कौन से दस्तावेज
उत्तर प्रदेश में 22 साल बाद मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा। 70% मतदाताओं को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा केवल हस्ताक्षरित फॉर्म जमा करना होगा जो बीएलओ द्वारा घर पर दिया जाएगा। केवल 30% मतदाताओं को पहचान के लिए दस्तावेज़ देने होंगे। चुनाव आयोग 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची का मिलान कर रहा है ताकि मतदाता सूची को सटीक बनाया जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। करीब 22 वर्ष बाद प्रदेश में होने जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में 70 प्रतिशत मतदाताओं को कोई भी दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा। उन्हें केवल पहले से भरे हुए फार्म पर हस्ताक्षर करना होगा। यह फार्म उन्हें बीएलओ घर पर मुहैया कराएंगे।
केवल 30 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे हैं जिन्हें पहचान के लिए 12 मान्य दस्तावेजों में से एक अनिवार्य रूप से देना पड़ेगा। यह अभियान अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है। अभियान से पहले चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।
भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2003 के बाद अब प्रदेश में फिर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू करने जा रहा है। अभियान शुरू होने से पहले चुनाव आयोग वर्ष 2003 में हुए एसआइआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची का मिलान करवा रहा है।
यह काम बीएलओ को सौंपा गया है। अब तक हुई मैपिंग में करीब 60-70 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दोनों मतदाता सूचियाें में दर्ज मिले हैं। ऐसे में इन्हें अभियान के दौरान कोई भी पहचान का प्रपत्र नहीं देना पड़ेगा।
चुनाव आयोग का भी मानना है कि जितनी अच्छी मैपिंग होगी उतने कम दस्तावेज आम जनता से बीएलओ को एकत्र करने पड़ेंगे। इससे दोनों को सहूलियत होगी। अभियान के दौरान बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करना होगा।
साथ ही उन्हें मोबाइल एप के जरिए डाटा रीयल-टाइम में अपलोड करना होगा। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का लक्ष्य है कि मतदाता सूची पूरी तरह से सटीक व पारदर्शी हो, जिससे आगामी चुनाव निष्पक्ष और निर्विवाद रूप से संपन्न हो सके।
यह 12 दस्तावेज होते हैं मान्य
आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक/डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, एनपीआर के तहत आरजेआइ द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य/ लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी पहचान पत्र, सांसद व विधायकों को जारी पहचान पत्र व दिव्यांगों को जारी होने वाली यूनीक आइडी
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