यूपी में कम होगा गेहूं, बढ़ेगा तिलहन का उत्पादन, लक्ष्य के मुकाबले केवल 86 प्रतिशत ही बोआई
उत्तर प्रदेश में गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है, जबकि तिलहन का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। कृषि विभाग के अनुसार, गेहूं की बोआई लक्ष्य के मुकाब ...और पढ़ें

तोरिया, राई-सरसों, मसूर, जौ, मक्का की हुई 99 प्रतिशत तक बोआई
दिलीप शर्मा, लखनऊ। प्रदेश में इस बार गेहूं का उत्पादन कम रहने की आशंका खड़ी हो गई है, जबकि मोटे अनाज व तिलहनी फसलों के उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी होगी। रबी सीजन के लिए कृषि विभाग ने ही मोटे अनाज का रकबा बढ़ाने और गेहूं का रकबा घटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अब तक तक हुई बोआई के आंकड़ों से विभाग को यह लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। अलसी को छोड़ दिया जाए तो तिलहन और मोटे अनाजों की फसलों के लक्ष्य के मुकाबले 96 से 99 प्रतिशत तक बोआई हो चुकी है, जबकि गेहूं की बोआई 88.97 प्रतिशत है। वहीं कृषि विभाग गेहूं का रकबा घटने के बाद भी प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़ाकर उत्पादन में कमी न आने देने की रणनीति पर भी काम रहा है।
कृषि विभाग ने रबी 2025-26 के लिए 138.780 लाख हेक्टेयर में फसलों की बोआई का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले पांच हजार हेक्टेयर अधिक है। इसमें गेहूं के क्षेत्रफल में पिछले सीजन के मुकाबले 7.455 लाख हेक्टेयर की कमी लाने का प्रयास है।
वहीं माेटे अनाज और तिलहन को बढ़ावा देने की नीति के तहत इस बार जौ, चना, मटर सहित अन्य फसलों के क्षेत्रफल में 13 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की कोशिश की जा रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ निश्शुल्क और अनुदानित बीज का वितरण भी कराया गया है।
सात दिसंबर तक की बोआई के आंकड़ों के हिसाब से लक्ष्य के मुकाबले 91.44 प्रतिशत की बोआई की जा चुकी है। इनमें तोरिया की 99 प्रतिशत, राई-सरसों की 97.53 प्रतिशत, मसूर की 97.04 प्रतिशत, अलसी की 85.128, जौ की 95 प्रतिशत, मक्का की 95.96 प्रतिशत, चना की 96.26 प्रतिशत और मटर की 93.79 प्रतिशत बोआई हुई है।
वहीं, गेहूं की बोआई लक्ष्य के मुकाबले 88.97 प्रतिशत है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस बार प्रदेश में मोटे अनाज और तिलहन का उत्पादन पहले से मुकाबले अधिक होने जा रहा है।
गेहूं का रकबा घटने के बाद भी उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को समय से पंक्तियों में बोआई, सीड ड्रिल से बोआई, क्षेत्र के हिसाब से सुझाई गई प्रजातियों का चयन करने और बोआई से पूर्व बीज शोधन आदि सुझाव दिए जा रहे हैं। गेहूं की उत्पादकता को पिछले वर्ष के 41.16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 44.65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
रबी फसलों का रकबा (लाख हेक्टेयर में)
| फसल | वर्ष 2024-25 | लक्ष्य 2025-26 |
| गेहूं | 102.645 | 95.19 |
| जौ | 1.769 | 2.9 |
| मक्का | 0.297 | 0.360 |
| चना | 5.968 | 6.900 |
| मटर | 3.209 | 4.0 |
| मसूर | 6.040 | 6.640 |
| राई-सरसों | 13.744 | 18.230 |
| अलसी | 0.420 | 0.460 |
| तोरिया | 4.683 | 5.0 |

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।