यूपी में गेहूं खरीद के लिए 12 घंटे की ड्यूटी का विरोध, कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव को सौंपा ज्ञापन
यूपी में गेहूं खरीद के लिए क्रय केंद्रों को प्रतिदिन 12 घंटे तक खोलने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है। यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय को वापस लेने और अवकाश के दिनों में खरीद न कराने की मांग की है। मांगें पूरी न होने पर न्यायालय की शरण लेने की बात कही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गेहूं की सरकारी खरीद के लिए क्रय केंद्रों को प्रतिदिन 12 घंटे तक खोलने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है। यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय को वापस लेने और अवकाश के दिनों में खरीद न कराने की मांग की है। मांगें पूरी न होने पर न्यायालय की शरण लेने की बात कही है।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए तय की गई गेहूं क्रय नीति के अनुसार किसानों की सुविधा के लिए सभी क्रय केंद्रों को अवकाशों सहित प्रतिदिन खोला जाएगा। केंद्रों पर सुबह आठ से रात्रि आठ बजे तक खरीद किए जाने के भी निर्देश हैं।
एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव को सौपे ज्ञापन में क्या कहा?
एसोसिएशन द्वारा खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि गेहूं खरीद के लिए केंद्रों को खोलने का समय और अवकाश के दिन भी खरीद किए जाने की व्यवस्था को पुनर्विचार कर रद किया जाना चाहिए। प्रतिदिन 12 घंटे यानी सप्ताह में 84 घंटे केवल खरीद का काम होना है, परंतु प्रतिदिन क्रय समाप्ति के बाद भी केंद्र को बंद करने में कम से कम एक घंटे का समय लगेगा, जिसे इसमें जोड़ा नहीं गया है।
इस हिसाब से प्रतिदिन 13 घंटे काम करना होगा। यह मानवीय एवं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही नहीं है। इससे कर्मचारी स्वयं और उसका पूरा परिवार मानसिक यंत्रणा से गुजरेगा। एसोसिएशन का कहना है कि खरीद कार्य में लगभग 35 प्रतिशत महिला कर्मचारी भी अपना योगदान देती हैं, देर रात तक कार्य करने के कारण उनकी सुरक्षा का भी प्रश्न उत्पन्न होगा।
ज्ञापन में खरीद का समय कम करने और अवकाश देने के साथ पहले लंबित मांगों पर निर्णय के लिए समय निर्धारित करने की मांग की गई है। प्रांतीय महामंत्री टीएन चौरसिया ने बताया कि मांगें पूरी न होने पर एसोसिएशन न्यायालय की शरण लेगी।
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