Defence Expo 2020: गोमती की नैया पार लगाएगी सेना की नाव, एक्सपो के लिए लबालब होगी गोमती
लखनऊ डिफेंस एक्सपो 2020 के लिए लबालब की जाएगी गोमती नदी। जनवरी के अंतिम सप्ताह में शारदा से गोमती में पहुंचेगा पानी।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। डिफेंस एक्सपो के बहाने कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन गोमती नदी लबालब नजर आएगी। सेना की नावें गोमती में दौड़ सकें, इसलिए इसमें शारदा से पानी छोड़ा जाएगा। दअसल, डिफेंस एक्सपो के दौरान सेना की नाव नदी में दौड़ेंगी और इन्हें चलाने के लिए गोमती में तीन मीटर तक पानी होना जरूरी है। अब गोमती नदी में शारदा नदी से पानी छोडऩे की प्रक्रिया चालू हो गई है। सिंचाई विभाग को भी पत्र लिखा गया है। यह पानी भी जनवरी के अंतिम सप्ताह में गोमती नदी में छोड़ा जाएगा। गोमती बैराज के सभी गेटों को पूरी तरह से खोल दिया जाएगा, जिससे नदी के पानी में कोई दुर्गंध न हो।
नगर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक सिंचाई विभाग को नदी की सफाई करनी होगी। कई जगह पर गाद और अन्य अपशिष्ट एकत्र हो जाने से गोमती नदी की गहराई 1.60 मीटर से लेकर ढाई मीटर ही रह गई है। कहीं-कहीं पर ही तीन मीटर के ऊपर की गहराई पाई गई है।
दरअसल, सपा सरकार के शासनकाल में गोमती नदी की सफाई कराई गई थी, लेकिन सफाई के नाम पर सिंचाई विभाग के अभियंता सरकारी धन को हो पी गए थे।
वनस्पति नालों की बदबू कम करेगी
जो नाले गोमती नदी में गिर रहे हैं, वहां पर कुंभ की तरह बायो रेमिडिएशन की मदद ली जाएगी। इसमें एक खास तरह की वनस्पति को नालों में डाला जाएगा, जो पानी के प्रदूषण को कम करने का काम करेगी। एक अधिकारी के मुताबिक अभी गोमती में कई बड़े नाले गिर रहे हैं। एक पंप खराब होने से दौलतगंज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी पूरी क्षमता से काम न करने से नगरिया और सरकटा का भी पानी अपस्ट्रीम में नदी में गिर रहा है।
बच्चे भी टैंक पर घूम सकेंगे
गोमती तट पर आने वाले रूस में निर्मित टी-20 टैंक से बच्चे घूम भी सकेंगे। एक टैंक प्रदर्शनी में रहेगा, जबकि दूसरा टैंक सैर कराएगा। इसके लिए नगर निगम 50 गुणा 50 मीटर का पाथ-वे बना रहा है, जो अंडाकार होगा। इस पर टैंक चलेगा।
खुले मंच पर होंगे सैनिक परिवार
नदी और नदी के ऊपर सेना के जवानों के करतब देखने के लिए एक ओपन मंच बनेगा। इस मंच पर सैन्य परिवार के लोग मौजूद रहेंगे, जबकि वीआइपी लोगों के लिए ढाई हजार कुर्सियां डाली जाएंगी।
गोमती तट पर पक्के दो स्लोब बनेंगे
खाटू श्याम मंदिर से हनुमान सेतु के बीच गोमती तट पर दो स्लोब बनाएं जाएंगे, जिस स्लोब से टैंक आएंगे, उनकी चौड़ाई नौ मीटर होगी, जबकि सामान्य स्लोब छह मीटर चौड़ा होगा।
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