अतीक अहमद के पुत्र हमजा समेत दो के खिलाफ वारंट, देवरिया जेल में प्रापर्टी डीलर को मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने का मामला
देवरिया जेल में मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने अतीक अहमद के पुत्र अभियुक्त हमजा अंसारी समेत दो लोगों के खिलाफ वारं ...और पढ़ें

लखनऊ, विधि संवाददाता । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे रंगदारी वसूलने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने अतीक अहमद के पुत्र अभियुक्त हमजा अंसारी व आमिर कुरैशी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्र ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 मार्च की तारीख तय की है।
25 नवंबर, 2021 को सीबीआइ ने इन दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत इस आरोप पत्र पर संज्ञान ले चुकी है लेकिन यह दोनों अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं। सीबीआइ की विशेष अदालत ने इससे पहले अतीक अहमद के पुत्र मो. उमर व अभियुक्त योगेश के खिलाफ तब तक के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था, जब तक कि वह गिरफ्तार नहीं हो जाते अथवा अदालत में आत्मसमर्पण नहीं कर देते।
ये है मामला: 28 दिसंबर, 2018 को रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गो के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया। तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया। अतीक ने उसे एक सादे स्टांप पेपर पर दस्तखत करने को कहा। इन्कार करने पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तमंचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा और स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया।
आरोपितों ने करीब 45 करोड़ की संपति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली। थाना कृष्णानगर से संबंधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन 23 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ अब तक इस मामले में पूर्व सपा सांसद अतीक अहमद समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

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