UP Monsoon Session: फूलन देवी का नाम लेकर ऐसा क्या कहा गया जो भड़क गए सपाई, 17 मिनट तक हुआ हंगामा
लखनऊ विधानसभा में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने सपा सदस्यों को फूलन देवी का हत्यारा कहा जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ। सपा सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष ने निषाद के बयान को कार्यवाही से बाहर करने की मांग की। अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विजन डाक्यूमेंट पर विधान सभा में बोलने के दौरान मत्स्य विभाग के मंत्री डा. संजय निषाद ने सपा सदस्यों को स्व. फूलन देवी का हत्यारा बोल दिया, जिससे 17 मिनट तक हंगामा होता रहा। सपा सदस्य विधान सभा अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
विवाद बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अधिष्ठाता से संजय निषाद के वक्तव्य को कार्यवाही से बाहर करने की मांग की। अंत में विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने संजय निषाद से कहा मैं नहीं चाहता हूं कि कुछ बोलूं, आप बैठ जाएं। जिसके बाद विवाद समाप्त हुआ।
विकसित यूपी के विजन डाक्यूमेंट पर शुरू 24 घंटे की चर्चा में बुधवार को डा. संजय निषाद ने अपनी बात सपा पर हमले के साथ शुरू की। कहा कि सपा हमारी बिरादरी का झौव्वा भर वोट पौव्वा पर ले लेती थी। सपा सदस्यों की तरफ मुखातिब होकर कहा कि आपने आरक्षण लूटा है।
सपा पिछड़ों को धोखा देती है। 1994 में मझवार जातियां जो अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध थीं उन्हें ओबीसी में डालने का काम किया। कहा कि निषाद अपने गांवों में सपा नेताओं को घुसने नहीं देंगे। यह भी कह दिया कि फूलन देवी के हत्यारे आप लोग हैं।
संजय निषाद के यह बोलते ही सपा सदस्य उत्तेजित हो गए। बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए विधान सभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंच गए और फूलन देवी के हत्यारे को फांसी दो की नारेबाजी करने लगे। शाम को करीब 5.27 बजे सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंचे थे।
नेता प्रतिपक्ष के बुलाने पर 5.36 बजे सपा सदस्य अपनी सीट पर लौटें। विवाद बढ़ने पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अधिष्ठाता से अपील की कि संजय निषाद के विवादित वक्तव्य को प्रोसिडिंग से निकाल दें।
इसी बीच विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना पीठ पर आसनी हुए। उन्होंने सपा सदस्यों को शांत कराते हुए संजय निषाद से सीट पर बैठके के लिए कहा लेकिन वह बोलने की जिद पर अड़े हुए थे। जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं कि कुछ बोलूं इसलिए आप बैठ जाएं। जिसके बाद विवाद शांत हुआ।
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