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    Vande Mataram: लोकसभा में अखिलेश यादव बोले-आजादी की लड़ाई में वंदे मातरम् ने दी असीम ऊर्जा

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 02:14 PM (IST)

    Akhilesh Yadav on Vande Matram: अखिलेश यादव ने भी सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा की। कन्नौज से लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव ने कहा कि देश की आजादी में वंदे ...और पढ़ें

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    लोकसभा में कन्नौज से सांसद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव

    डिजिटल डेस्क, जागरण, लखनऊ : राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से साथ ही अन्य नेताओं ने लोकसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा की। कन्नौज से लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव ने कहा कि देश की आजादी में वंदे मातरम् ने क्रातिकारियों को असीम ऊर्जा दी और देश का आजादी में इसका बड़ा योगदान है।

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    अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ को गाने से ज्यादा निभाना जरूरी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि ये देखना होगा कि आज देश में सामाजिक न्याय की क्या स्थिति है। भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी पार्टी होने का दावा करने वाली वो दरअसल राष्ट्रविवादी पार्टी है।

    प्रधानमंत्री ने की शुरुआत

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गुलामी के दौर में जब भारत के लोगों पर अंग्रेजों का जुल्म हो रहा था उस समय बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने ये गीत लिखा था। उन्होंने कहा कि ये रचना स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गई और वंदे मातरम् हर भारतीय का संकल्प बन गया। पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा “हमें गर्व होना चाहिए कि दुनिया के इतिहास में ऐसा कोई काव्य नहीं हो सकता।ऐसा कोई भावगीत नहीं हो सकता जो सदियों तक एक लक्ष्य के लिए कोटि-कोटि जनों को प्रेरित करता हो और जीवन आहुत करने के लिए लोग निकल पड़ते हैं। पूरे विश्व को पता होना चाहिए कि गुलामी के कालखंड में भी ऐसे लोग हमारे यहां पैदा होते थे जो इस प्रकार के भावगीत की रचना कर सकते थे। यह विश्व के लिए अजूबा है।” उन्होंने कहा कि इसके बारे में हमें गर्व से कहना चाहिए तो दुनिया भी मानना शुरु करेगी।

    अखिलेश यादव ने उठाये सवाल

    समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में ‘वंदे मातरम’ पर हो रही चर्चा के औचित्य और आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रीय गीत को गाने से ज्यादा उसे अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि “मुझे नहीं पता भारतीय जनता पार्टी क्या कहना चाहती है। राष्ट्रवादी पार्टी राष्ट्रविवादी पार्टी है। और गाने से ज्यादा निभाना जरूरी है। संविधान में और भी ऐसे फैसले हैं। बाबा साहब ने जो रास्ता दिखाया उस सामाजिक न्याय पर सरकार कहां खड़ी है। गैर बराबरी पर सरकार कहां खड़ी है। आज लोगों को पचास हज़ार की फ्लाइट की टिकट खरीदनी पड़ रही है। ये देश को किस दिशा में ले जा रह हैं। गाने से ज्यादा निभाना जरूरी है। उसका भाव क्या था कि देश स्वतंत्र हो और आजादी के बाद यहां के कानून से काम हो। न्याय मिले लोगों को। आज सामाजिक न्याय कितना मिल रहा है।” उन्होंने कहा कि हमें ये देखना चाहिए कि हम सामाजिक न्याय की दिशा में कितना आगे बढ़े हैं।