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    Year Ender 2023 : बसपा से भाजपा फिर सपा, 2024 से पहले फिर भाजपा के हुए दारा सिंह चौहान; योगी-अखिलेश को करते रहे हैरान-परेशान

    Updated: Tue, 26 Dec 2023 12:20 PM (IST)

    Year Ender 2023 दारा सिंह की चुनावी सफर जानने से पहले यह जानना अहम है कि आखिर दारा सिंह चौहान आखिर कौन हैं। यूपी की राजनीति में दारा सिंह चौहान एक बड़ा नाम है। पिछड़े समाज में दारा सिंह की काफी बेहतरीन पैठ है। यही कारण है कि वह योगी कैबिनेट में कई अहम पदों पर रहे। 2017 से 2022 तक वह योगी सरकार में मंत्री भी रहे।

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    Year Ender 2023 : दारा सिंह चौहान पिछड़े समाज के एक मजबूत नेता में गिने जाते हैं।

    साल 2023 यूं तो कई मायनों में उतार चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन अगर सियासत के नजरिये से देखें तो साल 2023 चुनावी पार्टियों के लिए चुनौतियों और हैरानियों से भरा रहा। चुनावी मैदान में जीत दर्ज करने के बाद भी कई नेता अपनी पुरानी पार्टी को छोड़कर नई पार्टी में चले गए तो कई नेता अंतिम समय से अपने पुराने खेमे को अलविदा कह गए। इसी क्रम में दारा सिंह चौहान ने पार्टियों और समर्थकों को खूब हैरान किया।

    कौन हैं दारा सिंह चौहान

    Dara Singh Chauhan : दारा सिंह की चुनावी सफर जानने से पहले यह जानना अहम है कि आखिर दारा सिंह चौहान आखिर कौन हैं। यूपी की राजनीति में दारा सिंह चौहान एक बड़ा नाम है। पिछड़े समाज में दारा सिंह की काफी बेहतरीन पैठ है। यही कारण है कि वह योगी कैबिनेट में कई अहम पदों पर रहे। 2017 से 2022 तक वह योगी सरकार में मंत्री भी रहे।

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    2015 में भाजपा में हुए थे शामिल

    बता दें कि दारा सिंह चौहान साल 2015 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह साल 2009 में बसपा के टिकट से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2014 में जब भाजपा केंद्र में आई तब दारा सिंह का झुकाव भाजपा की तरफ होने लगा। 2015 में वह भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने इसके बदले उन्हें पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रिय अध्यक्ष भी बनाया। यूपी की मधुबन सीट से साल 2017 में जीत दर्ज की और इसी जीत के साथ योगी सरकार में मंत्री बने।

    भाजपा से हुआ मोह भंग और हो गए सपा के

    साल 2022 आते-आते दारा सिंह चौहान का भाजपा से मोह भंग होने लगा। वह अपने बयानों में लगातार भाजपा पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते रहे। साल 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया और सपा के हो गए। सपा ने उन्हें घोसी सीट से उम्मीदवार बनाया। दारा सिंह चौहान ने भी सपा को रुसवा नहीं किया और सीट से भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की, यह बात और रही कि सरकार भाजपा की बनी।

    लोकसभा चुनाव से पहले फिर भाजपा में शामिल

    2002 विधानसभा चुनाव यूपी में सपा पार्टी सरकार बनाने में नाकाम रही। इस दौरान दारा सिंह चौहान का भी सपा से मोह भंग होता रहा। अखिलेश यादव जिस तेजी से दारा सिंह चौहान को सपा में लाए थे, उतनी ही तेजी से दारा सिंह चौहान पार्टी को अलविदा कह गए। दारा सिंह चौहान ने विधायक पद से इस्तीफा देकर अखिलेश और सपा को हैरान कर दिया। जुलाई, 2023 में वह एक बार फिर भाजपा के हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने दारा सिंह चौहान को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इसी के साथ लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सपा को उसी के गढ़ में एक बड़ा झटका दिया।