नए सिरे से तैयार होगी उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2024, शीर्ष स्तर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक जल्द
नए कानून के अनुसार प्रबंधन के लिए प्रदेश की वक्फ संपत्तियों का पूरा डाटा नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से कानून के प्रविधानों के तहत प्रारूप तैयार करके उसी के अनुसार रिपोर्ट मांगी जाएगी। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के मौजूदा रिकार्ड का सत्यापन भी कराया जाएगा। जिससे वक्फ संपत्तियों की एक संपूर्ण रिपोर्ट तैयार की जा सके।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की स्वीकृति मिलते ही बने नए कानून के अनुसार प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को अवकाश होने के बाद भी विभाग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर और अधिकारियों के बीच मंथन होता रहा।
माना जा रहा है कि इसी सप्ताह वक्फ को लेकर बने नए कानून के तहत प्रभावी कदम उठाने की दशा-दिशा तय की जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पिछले साल नवंबर में जो उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2024 लागू की है, उसमें भी नए कानून के तहत संशोधन करने की तैयारी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नए कानून में ऐसी कई व्यवस्थाएं की गई हैं जो वक्फ नियमावली में शामिल ही नहीं हैं। ,
उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2024 को सरकार ने नवंबर 2024 में वक्फ की विसंगतियों को दूर करने के लिए लागू किया था। नियमावली के तहत वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली के लिए आयु 18 से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दी गई है। वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर उससे मुनाफा कमाने या फिर उसे नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना भी वसूलने के साथ दोनों बोर्डों की वार्षिक रिपोर्ट विधान मंडल में रखने की व्यवस्था की गई है। बोर्ड अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया को भी नई नियमावली में संशोधित किया गया है।
वक्फ बोर्ड को निर्धारित प्रारूप में सरकार को रिपोर्ट भेजने सहित कई व्यवस्था को लागू किया गया था। अब नए कानून के प्रविधानों के अनुसार इस नियमावली में फिर से संशोधन किया जाएगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नियमावली में आवश्यक संशोधन को लेकर नए कानून का अध्ययन किया जाएगा। इसे लेकर जल्द ही शीर्ष स्तर पर बैठक होगी।
नए कानून के अनुसार प्रबंधन के लिए प्रदेश की वक्फ संपत्तियों का पूरा डाटा नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से कानून के प्रविधानों के तहत प्रारूप तैयार करके उसी के अनुसार रिपोर्ट मांगी जाएगी। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के मौजूदा रिकार्ड का सत्यापन भी कराया जाएगा। जिससे वक्फ संपत्तियों की एक संपूर्ण रिपोर्ट तैयार की जा सके।
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