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    यूपी के पर्यटन और विरासत को पंख, ईको-टूरिज्म और धार्मिक स्थलों के लिए पैसों की नहीं आएगी कमी

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:57 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म, धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के लिए बजट में प्रावधान ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'भव्य उत्तर प्रदेश' के विजन को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट के माध्यम से बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं को भुनाने के लिए सरकार ने ईको-टूरिज्म, धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी है। 

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    धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगी नई चमक

    सरकार ने कासगंज के श्री सोरों तीर्थ और संभल के श्री कल्कि धाम जैसे आस्था के केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का संकल्प लिया है। 

    तीर्थ विकास अनुदान: श्री सोरों, श्री कल्कि धाम और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। 

    बुनियादी सुविधाएं: इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से सड़कों के चौड़ीकरण, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्र, पेयजल और स्वच्छता सुविधाओं के विस्तार के लिए किया जाएगा। 

    एयर कनेक्टिविटी: प्रदेश के विभिन्न जनपदों और ब्लॉकमुख्यालयों पर पर्यटन को सुगम बनाने के लिए हेलीपैड विकास हेतु 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है। 

    ईको-टूरिज्म: प्रकृति के करीब पहुंचेगा पर्यटन

    उत्तर प्रदेश को प्राकृतिक पर्यटन मानचित्र पर उभारने के लिए यूपी ईकोटूरिज्म विकास बोर्ड को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। 

    बोर्ड के कार्यों और सुविधाओं के विस्तार के लिए 1 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 

    वन क्षेत्रों, प्राकृतिक स्थलों और ग्रामीण पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष बजट की मांग की गई है, ताकि "रूरल टूरिज्म" को वैश्विक पहचान मिल सके। 

    विरासत का संरक्षण और कलाकारों को सम्मान

    सरकार ने आधुनिक विकास के साथ-साथ प्रदेश की प्राचीन कला और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित किया है- 

    छतर मंजिल का जीर्णोद्धार: लखनऊ की ऐतिहासिक इमारत 'छतर मंजिल' और राज्य पुरातत्व निदेशालय के रेस्टोरेशन (पुनरुद्धार) के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपये प्रस्तावित हैं। 

    लोक कलाकारों को संबल: प्रदेश की पारंपरिक कला को जीवित रखने वाले लोक कलाकारों को वाद्ययंत्रों की खरीद के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। 

    रामलीला स्थलों का रखरखाव: सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए सार्वजनिक रामलीला स्थलों के संरक्षण हेतु भी बजट में प्रावधान किया गया है। 

    अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

    इन योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को देश का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईको-टूरिज्म और धार्मिक बुनियादी ढांचे में निवेश से न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि छोटे व्यवसायों, गाइडों और स्थानीय हस्तशिल्पियों को भी बड़ा बाजार मिलेगा।