गुजरात का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी! यूपी में 12 और बस अड्डों को PPP मॉडल से विकसित करने का रास्ता साफ
उत्तर प्रदेश में 12 और बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में 11 बस अड्डों को लेटर ऑफ इंटेंट जारी हो चुका है। पीपीपी मॉडल से बस अड्डों पर यात्रियों को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मल्टीप्लेक्स सहित आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। खबर में डिटेल पढ़िए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के 12 और बस अड्डों को पीपीपी माडल के तहत विकसित करने लिए परिवहन निगम जल्द ही चयनित विकासकर्ता कपंनियों को लेटर आफ इंटेंट (कार्य करने का अनुबंध ) जारी कर सकेगा। कैबिनेट में लेटर आफ इंटेंट जारी करने का अनुमोदन मिल गया है।
इससे पहले प्रथम चरण के 11 बस अड्डों को लेटर आफ इंटेंट जारी हो चुका है। पीपीपी माडल से बस अड्डों की सूरत बदलने वाला उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य बन जाएगा। अभी गुजरात ऐसा राज्य है जहां के सबसे अधिक 14 बस अड्डे पीपीपी माडल पर संवारे गए हैँ।
उत्तर प्रदेश के कुल 23 बस अड्डों पर यात्रियों को शापिंग कांपलेक्स, मल्टीप्लेक्स सहित आधुनिक सुविधाएं देने के लिए पीपीपी माडल से उनको संवारने की योजना तैयार की गई है। डिजाइन बिल्ड फाइनेंस आपरेट एंड ट्रांसफर माडल पर इन बस अड्डों का कायाकल्प किया जाएगा।
पिछले साल जनवरी से अब तक पहले चरण के 11 बस अड्डों के पीपीपी माडल पर विकास करने के अनुबंध हो चुके हैं। अब दूसरे चरण में आगरा के ट्रांसपोर्टनगर और ईदगाह बस अड्डा, साहिबाबाद, गढ़मुक्तेश्वर, कानपुर सेंट्रल, बरेली, अलीगढ़, वाराणसी कैंट, गोरखपुर, बुलंदशहर, मीरजापुर और मथुरा ओल्ड बस अड्डों का लेटर आफ इंटेंट जारी करने का अनुमोदन भी कैबिनेट से मिल गया है।
लेटर आफ इंटेंट जारी होने के दो माह के भीतर विकासकर्ता कंपनियों को परिवहन निगम के साथ अनुबंध करना होगा। अनुबंध के समय निविदा में भरी गई धनराशि की पहली किस्त यह कंपनियां जमा करेंगी। अनुबंध निष्पादित होने के बाद कंपनी मानचित्र तैयार करने सहित सभी तरह की जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त करके अपना काम शुरू कर सकेंगी।
परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक लखनऊ का आलमबाग बस अड्डा भी पीपीपी माडल पर विकसित हुआ है। अब 23 और नए बस अड्डों के पीपीपी माडल से संवरने के बाद उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या 24 हो जाएगी। यह भारत में किसी भी राज्य में पीपीपी माडल पर बनने वाले बस स्टेशनों की सबसे अधिक संख्या होगी।