Uttar Pradesh T20 League: यूपी क्रिकेट लीग पर फिक्सिंग का साया, टीम मैनेजर को मिला एक करोड़ रुपये का ऑफर
Uttar Pradesh T20 League इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेली जा रही यूपी क्रिकेट लीग में मैच फिक्सिंग का खतरा मंडरा रहा है। मैच फिक्सिंग के लिए काशी रुद्रास के मैनेजर को एक करोड़ रुपये के ऑफर की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि सट्टेबाज कई और टीमों के संपर्क में भी हो सकते हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेली जा रही यूपी क्रिकेट लीग में मैच फिक्सिंग का खतरा मंडरा रहा है। मैच फिक्सिंग के लिए काशी रुद्रास के मैनेजर को एक करोड़ रुपये के ऑफर की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि सट्टेबाज कई और टीमों के संपर्क में भी हो सकते हैं।
प्रारंभिक जांच में पुलिस को सट्टेबाजों से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। पुलिस के दावे से यूपी लीग में फिक्सिंग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। चूंकि पहले भी फिक्सिंग के तार यूपी से जुड़े रहे हैं इसलिए पुलिस तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
तीन सितंबर को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में बीसीसीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक भ्रष्टाचार निरोधक इकाई और टी-20 लीग लखनऊ के प्रबंधक हरदयाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि काशी रुद्रास टीम के मैनेजर अर्जुन चौहान ने उनको 19 अगस्त की रात करीब सवा ग्यारह बजे एक सट्टेबाज के इंस्टाग्राम पर (vipss_nakrani) संपर्क करने की जानकारी दी। संपर्क करने वाले ने पेड प्रमोशन की बात कहते हुए नंबर मांगा। अर्जुन को कुछ शक हुआ तो उसने चैटिंग करते हुए अपना मोबाइल नंबर भी शेयर कर दिया। सट्टेबाज ने एक करोड़ रुपये का आफर देते हुए सट्टे के लिए उकसाया।
सट्टेबाज ने दावा किया कि टिप सौ प्रतिशत सही होगी और भुगतान ऑनलाइन अमेरिकी डॉलर में किया जाएगा। मैनेजर से मिली जानकारी के बाद बीसीसीआई की ट्रैप टीम ने सट्टेबाज के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए कहा। मैनेजर ने सट्टेबाज से मोबाइल पर संपर्क किया और उसने वाट्सएप पर ऑडियो कॉल की, जिसे रिकॉर्ड कर लिया गया। 21 अगस्त रात करीब 8:30 बजे तक की रिकार्डिंग और इनपुट जुटाने के बाद मामले की शिकायत सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दी गई।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ऋषभ रूणवाल का कहना है कि इस आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता कि सटोरिये के संपर्क दूसरी टीमों के खिलाड़ी और स्टाफ से भी हो सकते हैं। अगर जरूरत हुई तो पूर्व के मैचों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी ताकि संदिग्ध व्यक्तियों और गतिविधियों का पता लगाया जा सके। साइबर क्राइम सेल इंस्टाग्राम आईडी की मदद से आइपी एड्रेस और उसके संपर्कों का पता लगा रही है।
यूपी में पहले भी मैच फिक्सिंग का धुआं उठता रहा है। गत वर्ष इसी लीग के दौरान सुशांत गोल्फ सिटी में पांच सितारा होटल में ठहरी दो टीमों से सट्टेबाजों ने संपर्क का प्रयास किया था। यूपीसीए की एंटी करप्शन यूनिट के हरकत में आने के बाद सट्टेबाज गायब हो गए। इससे पहले 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग में मैच फिक्सिंग का जब तूफान उठा तो चेन्नई सुपर किंग पर दो वर्ष का प्रतिबंध लग गया। चेन्नई के क्रिकेटर दूसरी टीमों में चले गए। इसके बाद ग्रीन पार्क में आइपीएल मैच के दौरान पुलिस ने होटल से तीन सट्टेबाजों को पकड़ा था। बताया गया था कि ये खिलाड़ियों से संपर्क के प्रयास में थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।