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    UP News: आधी उम्र पार पांच हजार निजी बसों का अनुबंध करेगा रोडवेज, राजस्व के नुकसान को रोकेगी यह योजना

    By Vrinda SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 09:38 AM (IST)

    आधी उम्र पार 5000 निजी बसों का अनुबंध उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम करने जा रहा है। प्रदेश में अभी 2200 अनुबंधित बसें संचालित हैं। अब बसों का बे ...और पढ़ें

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    आधी उम्र पार पांच हजार निजी बसों का अनुबंध करेगा रोडवेज.

    लखनऊ, [धर्मेश अवस्थी]। परिवहन विभाग विभिन्न रूटों पर पहले से दौड़ रही निजी बसों को अपना बनाने को बेकरार है। आधी उम्र पार पांच हजार निजी बसों का अनुबंध करने की नियमावली बन गई है। इसमें निजी बस मालिकों को सहूलियत दी गई है। बसों के अनुबंध की एक शर्त यह भी है कि पहले से संचालित अनुबंधित बसों पर नए नियम प्रभावी नहीं होंगे। अब क्षेत्रीय अधिकारी बसों के अनुबंध का टेंडर निकाल रहे हैं।

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    उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बेड़े में करीब 11 हजार बसें हैं। इनमें 2,200 बसें अनुबंधित हैं। विभाग अब तक नई बसों का ही अनुबंध करता रहा है, लेकिन पहली बार विभिन्न रूटों पर पहले से चल रहीं सीएनजी व डीजल बसों का अनुबंध करने की योजना बनी। इसमें तय किया गया कि डग्गामार बसों को ही विभाग अनुबंधित करके संचालित करे तो फायदा होगा, क्योंकि डग्गामार बसें सरकारी बसों से प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिससे राजस्व का भी नुकसान होता है।

    आमतौर पर रोडवेज बसों को 10 वर्ष तक संचालित किया जाता है, जबकि नई अनुबंध नीति में उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो पंजीयन तारीख से पांच वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हों। वहीं सीएनजी बस पंजीयन तारीख से आठ वर्ष की आयु पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेगी। माडल व पंजीयन तारीख में एक वर्ष का अंतर भी मान्य होगा। साफ है कि परिवहन विभाग अब उन बसों को संचालित करने जा रहा है जो अपनी आधी उम्र पार कर चुकी हैं। अनुबंध अवधि दस वर्ष की है, एक माह तक बस गायब होने पर अनुबंध खत्म हो जाएगा।

    विभाग की वेबसाइट पर अनुबंध की नई नीति अपलोड कर दी गई है, जिसमें रिक्त मार्ग का निर्धारण, योजना की सामान्य शर्तें, टेंडर प्रक्रिया, आय की गणना व भुगतान, बस सरेंडर, चालक की व्यवस्था, अनुबंध अवधि में हड़ताल व अनुबंध समाप्ति के क्या आधार होंगे और विवाद का समाधान भी स्पष्ट किया गया है।

    विभाग के निर्देश पर विभिन्न रूटों पर चल रही बसों को अनुबंधित करने की योजना बनी है, ताकि राजस्व का नुकसान रोका जा सके। अभी निजी बस संचालक इस ओर हाथ नहीं बढ़ा रहे हैं। - मनोज पुंडीर, महाप्रबंधक संचालन, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम