उत्तर प्रदेश में इस बार बढ़ेगा आरटीई में दाखिले का दायरा, हर जिले से अधिक आवेदन कराने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निजी स्कूलों में शिक्षा का दायरा बढ़ेगा। आरटीई के तहत नर्सरी और कक्षा एक में दाखिले के लिए आवेदन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की मैपिंग कराई है ताकि अभिभावक आसानी से स्कूल चुन सकें। इस बार पांच चरणों में आवेदन लिए जाएंगे और हर जिले में 25% सीटें आरक्षित हैं। विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र बच्चा अवसर से वंचित न रहे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका अब पहले से अधिक मिलेगा। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत नर्सरी और कक्षा एक में दाखिले के लिए इस बार हर जिले में आवेदन संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी निजी विद्यालयों की मैपिंग कराई है, ताकि वे आरटीई पोर्टल पर स्पष्ट रूप से दिखें और अभिभावक आसानी से स्कूल चुन सकें।
नवंबर के आखिरी सप्ताह से आरटीई दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इस बार भी आवेदन पांच चरणों में लिए जाएंगे। हर जिले को निजी स्कूलों की कुल सीटों का 25 प्रतिशत हिस्सा आरटीई के तहत दाखिले के लिए आरक्षित किया गया है।
पिछले शैक्षिक सत्र में 1.85 लाख सीटें आरटीई के तहत आवंटित की गई थीं, जिनमें से 1.40 लाख बच्चों का ही दाखिला हो सका था। कई जिलों में आवेदन लक्ष्य से काफी कम मिले थे। इस बार विभाग की कोशिश है कि हर जिले से अधिक से अधिक आरटीई पोर्टल पर आवेदन आएं, ताकि कोई भी आरक्षित सीट खाली न रह जाए।
सभी निजी विद्यालयों की कक्षा एक से लेकर प्री-प्राथमिक तक की कुल क्षमता का 25 प्रतिशत हिस्सा आरटीई के तहत बच्चों के दाखिले के लिए सुरक्षित रहेगा। विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र बच्चा सिर्फ जानकारी या विकल्प की कमी के कारण अवसर से वंचित न रह जाए।
कम आवेदन होने की वजह से पिछले सत्र में जहां एक हजार से भी कम सीटें आवंटित हुईं, उनमें बहराइच, अंबेडकरनगर, औरैया, अयोध्या, बागपत, बलरामपुर, बस्ती, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फतेहपुर, हमीरपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, महोबा, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और उन्नाव जैसे जिले शामिल रहे।
वहीं, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मुरादाबाद, कानपुर नगर, बुलंदशहर और फिरोजाबाद जैसे जिलों में सबसे ज्यादा आवेदन आए थे। इन जिलों में अधिक सीटें आवंटित होने के साथ ही दाखिले भी अधिक हुए थे।

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