Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP No. 1 : जेम पोर्टल पर खरीद में अव्वल बना उत्तर प्रदेश, केंद्र ने सराहा; अन्य राज्यों के लिए आदर्श माडल

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 18 Jun 2025 01:52 PM (IST)

    UP Number One State in Purchase Through Gem Portal जेम पोर्टल केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों विभागों सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों स्वायत्त संस्थानों और स्थानीय निकायों को वस्तुओं एवं सेवाओं की शुरू से अंत तक आनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है। यह वर्तमान में राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में कार्य कर रहा है।

    Hero Image
    जेम पोर्टल पर खरीद में अव्वल बना उप्र, केंद्र ने सराहा

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल पर उत्तर प्रदेश अव्वल साबित हुआ है। बीते पांच वर्षों में राज्य के विभागों ने पोर्टल से 65,227.68 करोड़ रुपये की रिकार्ड खरीदारी की है। खरीद करने वालों में नगर विकास सबसे आगे है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विभाग ने पांच साल में अकेले 11,588.28 रुपये की खरीद की है। भारत सरकार ने इस योगदान के लिए योगी सरकार की सराहना की है, मामले में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है और सरकार के इस प्रयास को अन्य राज्यों के लिए आदर्श माडल बताया है।

    जेम पोर्टल केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों और स्थानीय निकायों को वस्तुओं एवं सेवाओं की शुरू से अंत तक आनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है। यह वर्तमान में राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में कार्य कर रहा है।

    पोर्टल की शुरुआत से अब तक 2.9 करोड़ से अधिक क्रय आदेशों को पूरा किया गया और इनके माध्यम से 14 लाख करोड़ से अधिक की खरीद हो चुकी है। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में पोर्टल के माध्यम से 5.43 लाख करोड़ रुपये की कीमत के 72 लाख से अधिक के क्रय आदेश पूरे किए हैं।

    केंद्रीय मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस असाधारण वृद्धि को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश सरकार का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इसमें राज्य सरकार द्वारा 26 नवंबर 2024 को इस संबंध में आदेश जारी कर खरीद नियमों को जेम और सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर 2017) से जोड़ा।

    यह आदेश विभिन्न खरीद संबंधी अधिसूचनाओं को एकीकृत करता है जिससे प्रक्रियाएं सरल हुई हैं और जेम को 100 प्रतिशत अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने पोर्टल पर प्रदेश के योगदान को केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल इंडिया की सच्ची मिसाल बताया और कहा है कि यह पहल अन्य राज्यों के लिए जेम अपनाने को प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। उन्होंने लिखा है कि उप्र द्वारा जेम को प्रोत्साहित करने का प्रयास उस संकल्पना को साकार कर रहा है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वन-स्टाप डिजिटल मार्केटप्लेस के रूप में कल्पना की थी।

    ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार  मिसाल

    गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) आज देश का प्रमुख सार्वजनिक खरीद पोर्टल बन चुका है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों तथा स्थानीय निकायों को वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी सुविधा प्रदान करता है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सक्रियता ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और जवाबदेही के बेहतरीन समन्वय का प्रतीक बन गई है। GeM के माध्यम से न केवल खरीद प्रक्रिया को सरल, प्रभावी और तकनीक-सक्षम बनाया गया है, बल्कि पूर्वाग्रह और भेदभाव से मुक्त समान अवसरों की भी प्रभावी स्थापना हुई है। इससे प्रदेश में सुशासन को नई गति मिली है और सरकारी कार्यप्रणाली में जनता के प्रति उत्तरदायित्व का भाव और अधिक सशक्त हुआ है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में सराह रही है।

    जेम पोर्टल पर खरीद

    वित्तीय वर्ष - खरीद (करोड़ रुपये में)

    2020-21   -  4622.16

    2021-22   - 11285.29

    2022-23   - 12242.48

    2023-24  -   20248

    2024-25  - 16828.75

    कुल - 65227.68

    खरीद में अव्वल 10 विभाग

    विभाग,                            खरीद (करोड़ रुपये में)

    नगर विकास विभाग          – 11,588.28

    चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग – 9,257.14

    सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग – 8,241.60

    चिकित्सा शिक्षा विभाग – 4,589.52

    गृह विभाग – 4,116.80

    ऊर्जा विभाग – 2,515.87

    बेसिक शिक्षा विभाग – 1,958.27

    परिवहन विभाग – 1,810.15

    उच्च शिक्षा विभाग – 1,072.79

    सूचना एवं जनसंपर्क विभाग – 1,071.47।