यूपी ने तोड़ा रिकॉर्ड! EV बिक्री में दिल्ली-महाराष्ट्र को पछाड़ा, 4.14 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन बिके
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में दिल्ली और महाराष्ट्र से आगे निकल गया है जहाँ 4.14 लाख से अधिक ईवी पंजीकृत हैं। पर्यटन स्थलों पर ईवी की लोकप्रियता बढ़ने से राज्य की हिस्सेदारी 85% हो गई है। सरकार 16 नगरीय निकायों में 300 से ज़्यादा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी जिनमें अयोध्या में सबसे ज़्यादा होंगे। राज्य ईवी निर्माण का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री के मामले में उत्तर प्रदेश ने दिल्ली व महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में ईवी की संख्या 4.14 लाख से अधिक हो गई है।
वहीं दिल्ली में 1.83 व महाराष्ट्र में 1.79 लाख ईवी पंजीकृत हैं। प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भी ईवी की लोकप्रियता बढ़ी है। इसके चलते ईवी बिक्री में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 85 फीसदी हो गई है।
सरकार ने 16 नगरीय निकायों में तीन सौ से अधिक नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें सर्वाधिक चार्जिंग स्टेशन अयोध्या में स्थापित होने हैं।
उत्तर प्रदेश, केंद्र सरकार की फेम वन और टू (फास्टर एडाप्टेशन एंड मैन्युफैक्चरिंग आफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी बन गया है। राज्य सरकार वर्ष 2022 में आई नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति पर भी तेजी के साथ काम कर रही है।
इसके चलते ईवी को तेजी से अपनाने को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही ईवी चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का मजबूत किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश को ईवी और इसकी बैटरी विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाया जाए। इसके लिए 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश को राज्य में आकर्षित किया जा रहा है।
इससे 10 लाख नौकरियां सृजित होंगी। वर्तमान में देश भर में 33,000 ईवी चार्जर हैं, जिनमें से 35 प्रतिशत फास्ट चार्जर हैं। लेकिन, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अधिक तेज चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और मौजूदा स्टेशनों को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
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