विजन 2047: विकसित भारत में उत्तर प्रदेश की होगी बड़ी भूमिका : प्रमुख सचिव आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश सरकार 2047 तक विकसित प्रदेश के लक्ष्य को लेकर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को मजबूत कर रही है। लखनऊ में हुई बैठक में डिजिटल कृषि, एमएसएमई का विकास, और कौशल विकास पर चर्चा हुई। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की मजबूत डिजिटल बुनियाद तैयार की जा रही है। सोमवार को लखनऊ स्थित होटल द सेंट्रम में स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन बैठक में प्रदेश सरकार और निजी क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों के बीच भविष्य की रणनीतियों पर व्यापक चर्चा हुई।
इस मौके पर आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि 2047 के विकसित भारत में उत्तर प्रदेश की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस बैठक में प्राप्त मुख्य सुझावों के आधार पर सरकार अपनी प्राथमिकताओं को तय करेगी। उत्तर प्रदेश अब डिजिटल आधारित शासन व्यवस्था और टेक्नोलॉजी ड्रिवन अर्थव्यवस्था की ओर तेज गति से बढ़ रहा है।
बैठक में सबसे पहले डिजिटल कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण पर जोर देते हुए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि किसानों के लिए एकीकृत डिजिटल इकोसिस्टम विकसित किया जाए। जिससे उन्हें बाजार की जानकारी, वित्तीय सहायता और कृषि परामर्श आसानी से उपलब्ध हो सके।
टेक आधारित लॉजिस्टिक और ट्रेसिंग सिस्टम से कृषि आपूर्ति श्रृंखला में होने वाली बर्बादी कम होगी और इससे किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही ग्रामीण इंटरनेट और डिजिटल सुविधाओं को मजबूत करते हुए कृषि तकनीकों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। योगी सरकार की ग्रामीण विकास और डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों को जोड़ने की यह मंशा प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगी।
एमएसएमई के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्रदेश की आर्थिक रीढ़ मानते हुए इसे राज्यव्यापी स्तर पर बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई। प्रदेश सरकार ने पहले ही कई अवसर प्रदान किए हैं और अब इसे और सशक्त बनाने के लिए डिजिटल टूल्स प्रशिक्षण और सरल डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की दिशा में तेज कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में राज्य स्तरीय मार्केट लिंकेज प्लेटफॉर्म बनाने का सुझाव दिया गया जिससे यूपी के उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुंच सकें। साथ ही औद्योगिक क्लस्टर के लिए मांग पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित करने का सुझाव भी दिया गया जिससे उत्पादन की योजना अधिक वैज्ञानिक और सटीक हो सके।
नीतिगत स्तर पर प्रदेश सरकार की सशक्त योजनाओं क्रियान्वयन की गति और तेज करने पर भी चर्चा हुई ।
डाटा सेंटर्स, आईटी सिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में हाल ही में आए लगभग 500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का स्वागत करते हुए बैठक में वैश्विक स्तर के टेक एंकरों को आकर्षित करने के लिए शहरी सुविधाओं और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। पर्यावरण हितैषी ढांचे के विकास पर बल देते हुए यह सुनिश्चित करने की बात हुई कि विकास के साथ हरित तकनीकों का उपयोग भी अग्रणी भूमिका में हो।
युवा शक्ति और प्रतिभा निर्माण पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है और इसी दिशा में डिजिटल शिक्षा को प्रदेश के हर स्कूल में अनिवार्य बनाने की सिफारिश सामने आई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और उभरती तकनीकों से संबंधित कौशल विकास केंद्रों का विस्तार किया जाएगा। आईआईटी बीएचयू और विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों को डीप टेक प्रतिभा निर्माण के केंद्र के रूप में सशक्त बनाने का सुझाव भी दिया गया।
स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई उड़ान देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में स्टार्टअप उत्पादों के लिए बाजार सुविधाएं उपलब्ध कराने और सरकारी खरीद में इनोवेटिव कंपनियों को विशेष प्रावधान देने का प्रस्ताव भी शामिल रहा। साथ ही नवाचार और शोध प्रयोगशालाओं का बेहतर उपयोग करते हुए पेटेंट और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर दिया गया।
इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के संबंध में भी विशेषज्ञों ने चर्चा की। बैठक में शामिल विशेषज्ञों ने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रौद्योगिकी केंद्रित सोच की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विकसित भारत के पथ पर डिजिटल नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है।
तीन शक्तियों पर केंद्रित है डिजिटल प्रदेश की परिकल्पना
उत्तर प्रदेश को डिजिटल प्रदेश बनाने की परिकल्पना तीन मुख्य शक्तियों पर केंद्रित है। पहली अर्थ शक्ति है। इसके अंतर्गत कृषि, निर्माण, पर्यटन और अन्य मुख्य क्षेत्रों में आर्थिक परिवर्तन को गति देने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरी सृजन शक्ति है, इसके माध्यम से भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और हरित इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हुए नगरीय विकास, लॉजिस्टिक्स, उपयोगिताओं और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सतत उच्च विकास की नींव तैयार की जा रही है।
वहीं जीवन शक्ति का केंद्र राज्य की जनता है जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, लैंगिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के माध्यम से नागरिकों के जीवन स्तर को समृद्ध बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। विजन 2047 इस बात पर स्पष्ट जोर देता है कि तकनीक और डिजिटल इनोवेशन के बल पर शासन व्यवस्था और आर्थिक ढांचे में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। जिससे उत्तर प्रदेश नए भारत के विकास मॉडल में अग्रणी भूमिका निभा सके।
विजन 2047 पर विशेषज्ञों से मागें परामर्श
विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 की स्टेकहोल्डर बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील किया कि वह सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और अन्य क्षेत्रों में प्रदेश सरकार और अधिक प्रभावी कदम उठा सके इससे संबंधित अपने सुझाव और फीडबैक साझा करें।
इस महत्वपूर्ण बैठक में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव अनुराग यादव, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख सचिव पंधारी यादव और नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार भी शामिल रहे। बैठक के दौरान इन वरिष्ठ अधिकारियों ने आईटी कंपनियों, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों के प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया और उनकी ओर से आए विभिन्न सुझावों पर सकारात्मक चर्चा हुई।
प्रतिनिधियों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे अपने सुझावों को विस्तृत रूप में लिखित ड्राफ्ट के रूप में प्रस्तुत करें ताकि उन पर विधिवत विचार कर प्रदेश सरकार उन्हें क्रियान्वित करने के लिए सर्वोत्तम निर्णय ले सके। इस अवसर पर नीति आयोग से रमा सहित कई अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहे।
1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
2017 में उत्तर प्रदेश की कुल अर्थव्यवस्था 14 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2025 में बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सरकार का लक्ष्य 2029 तक उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। वहीं वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को 6 ट्रिलियन की इकोनॉमी के स्तर तक पहुंचना है।

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