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    UP Cabinet: पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों को मिलेगी होमस्टे की सुविधा, योजना के तहत प्रदेश के 229 स्थल चिह्नित

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 04:05 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने होमस्टे नीति 2025 को मंजूरी दी है जिससे पर्यटकों को धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर सस्ते आवास विकल्प मिलेंगे। इस योजना के तहत होमस्टे में छह कमरे और 12 बेड तक की अनुमति होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण शुल्क कम होगा। यह नीति पर्यटकों को सुविधा और स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करेगी।

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    पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों को मिलेगी होमस्टे की सुविधा

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने पर्यटन विभाग के बेड एंड ब्रेकफास्ट व होम स्टे नीति-2025 को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत अब प्रदेश के धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को रुकने के लिए होम स्टे की सस्ती सुविधा मिल सकेगी। 

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    इससे पर्यटकों के रुकने के लिए सस्ती दरों पर कमरे व स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे। इस योजना के तहत प्रदेश के 229 स्थलों को चिह्नित किया जा चुका है। इस नीति के बाद होम स्टे संचालकों को नीति के दायरे में होम स्टे का संचालन करना पड़ेगा।

    इस बारे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पर्यटकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। वर्ष 2024 में 64.90 करोड़ पर्यटकों ने विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया था। 

    इनमें 22,69,067 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। वहीं वर्ष 2023 में 16,01,503 विदेशी पर्यटकों सहित 48 करोड़ पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का भ्रमण किया था। इन पर्यटकों को रुकने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमरों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है।

    पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि नीति के तहत कोई भी व्यक्ति अपने घरों में एक से 6 कमरों तक की इकाई को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करा सकता है। इसके तहत, अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। कोई भी पर्यटक लगातार सात दिन तक इस सुविधा का लाभ ले सकता है। 

    अनुमति की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई वाली समिति के माध्यम से पूरी की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे इकाइयों के लिए 500 से 750 रुपये तक का पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। 

    वहीं, शहरी या सिल्वर श्रेणी के होमस्टे के लिए दो हजार रुपये का आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। राज्य में पहले ऐसी कोई नीति न होने के कारण होम स्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था।

    पर्यटन विभाग ने होम स्टे बनाने वालों को वित्तीय सहायता देने का भी प्रविधान नीति में किया था, कैबिनेट ने होम स्टे बनाने वालों को वित्तीय प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। 

    अयोध्या मंडल में 19, सुलतानपुर, बाराबंकी व अमेठी में 12, वाराणसी, गाजीपुर व चंदौली में 10, लखनऊ मंडल में 23, देवीपाटन में 17, चित्रकूट में 24, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, हरदोई में 17 होम स्टे को पर्यटन विभाग की तरफ से मंजूरी दी जा चुकी है। अब इन्हें नीति के दायरे में लाया जाएगा और यहां पर रुकने वाले पर्यटकों को ब्रेकफास्ट की सुविधा भी देनी होगी।

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