सेवा निर्यात में यूपी की ऐतिहासिक पहल: नई नीति के तहत वैश्विक बाजार में मजबूती के लिए विशेष 'विपणन सहायता'
उत्तर प्रदेश सरकार ने सेवा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति पेश की है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सेवा क्षेत्र को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। नई उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–30 के अंतर्गत, प्रदेश सरकार ने सेवा निर्यातकों के लिए पहली बार एक अलग और विशेष विपणन विकास सहायता (Marketing Development Assistance - MDA) योजना लागू की है। इस महत्वपूर्ण पहल के साथ, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने सेवा क्षेत्र के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित विपणन सहायता नीति शुरू की है।
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश के सेवा निर्यातकों को वित्तीय सहयोग प्रदान करना है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों और क्रेता-विक्रेता बैठकों में प्रभावी ढंग से भाग ले सकें। यह पहल न केवल निर्यातकों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी, बल्कि सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर उन्हें वैश्विक मांग के अनुरूप ढालेगी। योगी सरकार की यह दूरदर्शी पहल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य में सेवा क्षेत्र की भूमिका को और सशक्त करेगी, साथ ही रोज़गार और निवेश के नए रास्ते खोलेगी।
निर्यातक इकाइयों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन
यह योजना उन सेवा निर्यातकों को लाभ देगी जो उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो (UPEPB) और उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद में पंजीकृत हैं। साथ ही, वे भारत सरकार द्वारा चिन्हित 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों के तहत सेवाओं का निर्यात कर रहे हों।
नई नीति के तहत, निर्यातक इकाइयों को निम्नलिखित गतिविधियों पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी-
विदेशी आयोजन:अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों/प्रदर्शनी में स्टॉल किराए पर हुए व्यय का 75 प्रतिशत (अधिकतम ₹2 लाख)।एक व्यक्ति की इकोनॉमी क्लास हवाई यात्रा व्यय का 75 प्रतिशत (अधिकतम ₹1 लाख)।देश में अंतर्राष्ट्रीय आयोजन:स्टॉल किराए पर अधिकतम ₹50 हज़ार।यात्रा व्यय पर अधिकतम ₹25 हज़ार।आयोजक संस्थाओं को भी बड़ा सहयोगनीति में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजक संस्थाओं को भी महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।विदेशों में आयोजन: कुल व्यय का 75 प्रतिशत (अधिकतम ₹1 करोड़) तक की सहायता।देश में अंतर्राष्ट्रीय आयोजन: अधिकतम ₹75 लाख तक की सहायता।
इस श्रेणी में सहायता के लिए न्यूनतम 20 सेवा निर्यातक इकाइयों की भागीदारी अनिवार्य होगी।
पारदर्शी और समयबद्ध आवेदन प्रक्रिया
पूरी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होंगे। निर्यातक इकाइयों को किसी भी आयोजन के समाप्त होने की तिथि से 120 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। पात्र दावों का निस्तारण 'प्रथम आवत-प्रथम पावत' (First Come, First Served) के आधार पर किया जाएगा, और स्वीकृत राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी, जिससे प्रक्रिया में तेज़ी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का बढ़ता योगदान
उत्तर प्रदेश के GSDP में वर्तमान में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 45 प्रतिशत है। आईटी-आईटीईएस, फिनटेक, पर्यटन, स्वास्थ्य एवं कल्याण, लॉजिस्टिक्स और मीडिया-ऑडियो विजुअल जैसे क्षेत्रों में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। योगी सरकार की यह विशेष सहायता योजना इन क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अपनी क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने का अवसर प्रदान करेगी।

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