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उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को मिली कैबिनेट की मंजूरी, समझें- इसके लागू होने से क्या होगा फायदा

उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस नीति के तहत राज्य में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। जिन जिलों में कोई विश्वविद्यालय नहीं है वहां विश्वविद्यालय खोलने पर विशेष जोर दिया जाएगा। निजी विश्वविद्यालय खोलने पर सब्सिडी और स्टांप शुल्क में छूट मिलेगी। विदेशी विश्वविद्यालयों और श्रेष्ठ एनआईआरएफ रैंकिंग वाले को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 01 Oct 2024 08:30 PM (IST)
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40 असेवित जिलों में निजी विश्वविद्यालय खोलने पर 35 करोड़ तक सब्सिडी (File Photo)

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। युवाओं को प्रदेश में ही उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को मंगलवार को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी। नीति के तहत 40 ऐसे जिले जहां एक भी विश्वविद्यालय नहीं है, वहां विश्वविद्यालय खोलने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इन असेवित जिलों में पहला निजी विश्वविद्यालय खोलने पर 35 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी और स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रोत्साहन की अवधि पांच वर्ष होगी। असेवित जिलों में प्रथम निजी विश्वविद्यालय खोलने वाली निजी संस्था को 50 करोड़ रुपये तक की भूमि क्रय करने पर स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। वहीं 50 करोड़ से 150 करोड़ रुपये तक की भूमि पर स्टांप ड्यूटी में 30 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

इसी तरह 150 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि खरीदने पर 20 प्रतिशत तक स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। ऐसे ही 50 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश करने वाले निजी संस्था को 15 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी जो कि अधिकतम सात करोड़ रुपये होगी। 50 करोड़ से 150 करोड़ तक का पूंजीगत निवेश करने वाली निजी संस्था को 16 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी जो अधिकत 21 करोड़ होगी।

वहीं 150 करोड़ से अधिक का पूंजीगत निवेश करने वाली निजी संस्था को 17 प्रतिशत तक यानी 35 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह प्रोत्साहन स्लैब के अनुसार होगा।

यानी अगर कोई निजी संस्था 75 करोड़ की भूमि खरीदेगी जो 50 करोड़ तक उसे स्टांप ड्यूटी पर 50 प्रतिशत और बाकी 25 करोड़ पर उसे स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत की ही छूट मिलेगी। नीति का दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

उधर प्रथम पांच विदेशी विश्वविद्यालय जिनकी वैश्विक स्तर पर 500 तक की रैंक है और नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में शीर्ष 50 रैंक वाले विश्वविद्यालयों को प्रदेश भर में कहीं पर ही विश्वविद्यालय खोलने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। निजी निवेशकों को 20 प्रतिशत तक की सब्सिडी जो कि अधिकतम 100 करोड़ होगी, वह दी जाएगी। वहीं स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। अभी प्रदेश में 22 राज्य विश्वविद्यालय, 31 निजी विश्वविद्यालय और चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।

नीति लागू होने से यह होगा लाभ

  • निजी विश्वविद्यालय, विदेशी विश्वविद्यालय और श्रेष्ठ एनआइआरएफ रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय खुलने से प्रदेश में ही छात्रों को उच्चकोटि की उच्च शिक्षा मिलेगी।
  • असेवित जिलों में विश्वविद्यालय खुलने से छात्रों को दूर-दराज के जिलों या बड़े शहरों में उच्च शिक्षा लेने के लिए नहीं जाना होगा।
  • सकल नामांकन दर (जीईआर) में बढ़ोत्तरी होगी।
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