खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा यूपी, दो सालों में इतने युवाओं को मिला रोजगार
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने 'खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023' लागू की है, जिसके तहत कई नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 65,000 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां चल रही हैं, जिनसे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में नई इकाइयां स्थापित करना है, जिससे राज्य की कृषि उत्पादकता वैश्विक बाजार से जुड़ सके।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र उत्तर प्रदेश तेजी से एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में गुजरात और उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख प्रोसेसिंग केंद्रों के रूप में दर्शाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां गुजरात के मेहसाणा और बनासकांठा में आधुनिक डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) संयंत्र विकसित हुए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा और फर्रुखाबाद में नए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित हो रहे हैं। इनसे कांट्रैक्ट फार्मिंग और कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क मजबूत हो रहा है और किसानों की आय भी बढ़ रही है।
खाद्य प्रसंस्करण को गति देने के लिए सरकार ने ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023’ लागू की है। इसके तहत 19 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। उद्यमियों को उत्पादन-आधारित सब्सिडी, ब्याज सहायता सहित अन्य रियायतें दी जा रही हैं। सौर ऊर्जा, कोल्ड-चेन, क्लस्टर माडल और तकनीकी उन्नयन के लिए भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में 65,000 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां संचालित हैं, जिनसे करीब 2.55 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में कम से कम एक हजार नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करना है। राज्य में अब तक 15 से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किए गए हैं, इनमें बरेली, बाराबंकी, वाराणसी और गोरखपुर प्रमुख हैं।
बरेली में बीएल एग्रो द्वारा करीब 1,660 करोड़ रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड एग्रो प्रोसेसिंग हब की स्थापना प्रस्तावित है, जिसमें चावल मिलिंग, तेल निष्कर्षण और पैकेजिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। वहीं सरकार का फोकस अब फल-सब्जी प्रसंस्करण, उच्च मूल्य वाली फसलों और निर्यात-उन्मुख उद्योगों पर है, ताकि राज्य की कृषि उत्पादकता वैश्विक बाजार से सीधे जुड़ सके। जल्द ही आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना भी होने जा रही है, जिससे यह प्रयास और तेज होगा।

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