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    यूपी बना सुरक्षित निवेश और विकास का नया वैश्विक गंतव्य, ₹6500 करोड़ के नए प्रस्ताव

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 09:16 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश 2017 से पहले के अराजकता के दौर को पीछे छोड़ विकास का पर्याय बन गया है। लखनऊ में 25 कंपनियों के 45 प् ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्पष्ट संदेश दिया कि आज का उत्तर प्रदेश 2017 से पहले के 'अराजकता के दौर' को पीछे छोड़कर 'विकास और गारंटी' का नया पर्याय बन चुका है। लखनऊ में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में देश-विदेश की 25 प्रतिष्ठित कंपनियों के 45 शीर्ष प्रोफेशनल्स ने मुख्यमंत्री से भेंट की और प्रदेश की बदलती तस्वीर पर भरोसा जताते हुए ₹6500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव सौंपे।

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    डब्ल्यूएमजी (WMG) ग्रुप के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधिमंडल में फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, फार्मा और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों के दिग्गज सीईओ और डायरेक्टर्स शामिल थे। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को 'विकसित भारत' के संकल्प में भागीदार बनने का निमंत्रण देते हुए कहा, "यूपी में अब दंगे नहीं, उद्योग फलते-फूलते हैं। यहाँ हर निवेशक की पाई-पाई सुरक्षित है।"

    निवेश का नया रोडमैप: ₹6,500 करोड़ के प्रस्ताव
    बैठक के दौरान उद्यमियों ने मैन्युफैक्चरिंग, बायो-रिफाइनरी और सर्विस सेक्टर सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रुचि दिखाई। प्रमुख निवेश प्रस्ताव निम्नलिखित क्षेत्रों से आए हैं:

    ग्रीन एनर्जी और बायो-रिफाइनरी: पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्पों पर जोर।

    फार्मा और फूड प्रोसेसिंग: प्रदेश के कृषि और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती देने की योजना।

    मैन्युफैक्चरिंग: औद्योगिक इकाइयों के विस्तार से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन।

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    'बीमारू' छवि से 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' तक का सफर
    मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य साझा करते हुए बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, जो कभी देश के कुल योगदान का 15% थी, घटकर 8% रह गई थी।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अतीत पीड़ादायक था, लेकिन वर्तमान अवसरों से भरा है। 2017 से पहले यूपी में हर तीसरे दिन दंगे होते थे, आज 9 वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ। हमने न केवल माफिया राज खत्म किया, बल्कि देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 55% हिस्सा आज अकेले यूपी के पास है।

    औद्योगिक विकास के मजबूत स्तंभ
    मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सामने यूपी की उन खूबियों को रखा जो इसे निवेश के लिए अनुकूल बनाती हैं:

    मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर: 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, विशाल रेल नेटवर्क और इनलैंड वॉटरवे।

    MSME बेस: 96 लाख से अधिक इकाइयों के साथ देश का सबसे बड़ा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम आधार।

    डिफेंस कॉरिडोर: लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण और झांसी (BIDA) में नए औद्योगिक प्राधिकरण का विकास।

    ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: पारदर्शी नीतियां और त्वरित निर्णय लेने वाली 'प्रो-एक्टिव' सरकार।

    उद्यमियों का अनुभव: "अब सब कुछ अनुकूल है"
    बैठक में मौजूद निवेशकों ने प्रदेश के प्रशासनिक सुधारों की सराहना की। उद्यमी अरुण दुबे ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि 10 साल बाद विदेश से लौटने पर उन्हें उत्तर प्रदेश पूरी तरह बदला हुआ नजर आया। उन्होंने बिजली की बेहतर स्थिति और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था को देखते हुए बायो-रिफाइनरी इकाई लगाने का प्रस्ताव दिया।

    निष्कर्ष और भविष्य का लक्ष्य मुख्यमंत्री ने निवेशकों से आह्वान किया कि वे केवल आंकड़ों पर नहीं, बल्कि धरातल पर आकर 'नए यूपी' का अनुभव करें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यूपी में निवेश न केवल व्यवसायिक लाभ देगा, बल्कि प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

    बैठक के दौरान निवेशकों और उद्यमियों ने भी अपनी भावनाएं और अनुभव साझा किए। निवेशक अरुण दुबे ने बताया कि वे मूल रूप से कानपुर देहात से हैं और लगभग दस वर्षों के बाद स्वदेश लौटे हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में बिजली के तारों का जाल और अव्यवस्था देखी थी, लेकिन आज प्रदेश में व्यापक बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बायो रिफाइनरी की एक बड़ी इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अन्य निवेशकों ने भी उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विभिन्न औद्योगिक निवेश प्रस्तावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।