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    UP Election Commission: उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने समाजवादी पार्टी का दावा किया खारिज

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 06:17 PM (IST)

    Uttar Pradesh Chief Electoral Officer Navdeep Rinwa मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 18 हजार शपथ पत्रों से संबंधित 33 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों व 74 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को एक भी शपथ पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शिकायत से संबंधित मूल शपथ पत्र प्राप्त होते ही मामले की जांच कर मामले की वास्तविकता से सभी को सूचित किया जाएगा।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने समाजवादी पार्टी के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि मतदाताओं के नाम काटे जाने संबंधी 18 हजार शपथ पत्रों में से एक भी शपथ पत्र निर्वाचन आयोग को नहीं मिला है। शुक्रवार को उन्होंने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि चार सितंबर तक जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक भी शपथ पत्र नहीं मिला है।

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    समाजवादी पार्टी ने बीते दिनों वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत ढंग से काटे जाने की शिकायत करने का दावा किया था। इस बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 18 हजार शपथ पत्रों से संबंधित 33 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों व 74 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को एक भी शपथ पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शिकायत से संबंधित मूल शपथ पत्र प्राप्त होते ही मामले की जांच कर मामले की वास्तविकता से सभी को सूचित किया जाएगा।

    उन्होंने लिखा कि 18 हजार शपथ पत्रों के संबंध में अवगत कराना है कि यह मामला भारत निर्वाचन आयोग से एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश से संबंधित है। जिला निर्वाचन अधिकारियों से जानकारी करने पर पता चला है कि 4 सितम्बर 2025 तक वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत ढंग से काटने की शिकायत से संबंधित तथाकथित 18 हजार शपथ पत्रों में से एक शपथपत्र भी मूल रूप में संबंधित 33 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और संबंधित 74 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुआ है।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के कार्यालय में भी चार सितंबर 2025 तक इस संबंध में कोई शपथपत्र मूल रूप में प्राप्त नहीं हुआ है। इस शिकायत से संबंधित मूल शपथ पत्र प्राप्त होते ही तत्परता से जांच पूर्ण कर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी और सर्वसाधारण को अवगत कराया जाएगा।

    इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि AI अर्थात Artificial Intelligence के माध्यम से मतदाता सूचियों में विद्यमान् त्रुटियों को ढूंढकर उनका सुधार करने का समाचार राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश के हवाले से विगत दिनों में उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों में छपा था। राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश में स्थित पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों से संबंधित मतदाता सूचियों को बनाने एवं इन संस्थाओं व निकायों के चुनाव करवाने का कार्य करता है।

    इससे भिन्न भारत निर्वाचन आयोग लोक सभा, विधान सभा एवं विधान परिषद के चुनावों से संबंधित मतदाता सूचियों को बनाने एवं उनके रखरखाव का कार्य करता है और इन सदनों के चुनाव करवाता है। प्रायः आम जनता में एवं मीडिया में भी इस बात की स्पष्टता नहीं रहती है तथा लोग इन दोनों आयोगों के कार्य में अंतर नहीं जानते हैं। यहां तक कि सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में भी बहुधा इस भिन्नता की जानकारी नहीं है। इस अवसर का सदुपयोग कर इस भिन्नता को रेखांकित किया जाता है। AI का प्रयोग कर मतदाता सूची को शुद्ध करने का समाचार भारत निर्वाचन आयोग से संबंधित नहीं है।

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