यूपी में अब ग्रुप में फ्लैट खरीदने पर मिलेगी 25 फीसद तक छूट, जानें- आवास विकास परिषद की क्या है योजना
यूपी आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय में बोर्ड बैठक में अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को मंजूरी देने के साथ ही कई और महत्वपूर्ण फैसले हुए। बजट में परिषद की कुल प्राप्तियां 4470 करोड़ रुपये और 3413 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से समूह में फ्लैट खरीदना अब सस्ता पड़ेगा। आवासीय संपत्तियों की बिक्री बढ़ाने के लिए परिषद ने अपनी आवासीय योजनाओं में 25 से 50 फ्लैट खरीदने का प्रस्ताव देने वाले समूह को दाम में 15 फीसद की छूट देगा। 50 से 100 फ्लैट खरीदने का प्रस्ताव देने वाले समूह को 25 फीसद तक छूट दी जाएगी। परिषद ने अपनी बहुमंजिला परियोजनाओं के सभी फ्लैट अब प्रथम आगत-प्रथम पावत के आधार पर ही आवंटित करने का भी फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय में प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को मंजूरी देने के साथ ही कई और महत्वपूर्ण फैसले हुए। बजट में परिषद की कुल प्राप्तियां 4470 करोड़ रुपये और 3413 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। चालू वित्तीय वर्ष के पुनरीक्षित बजट में पिछले साल की तुलना में राजस्व व्यय में 169 करोड़ रुपये की कमी प्रस्तावित है।
परिषद के अपर आवास आयुक्त एवं सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि अयोध्या में 1190 एकड़ क्षेत्रफल पर टाउनशिप (अयोध्या गृह स्थान एवं बाजार योजना) विकसित करने की खातिर परिषद ने अगले वित्तीय वर्ष के बजट में 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं चालू वित्तीय वर्ष के पुनरीक्षित बजट में 100 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है।
परिषद की सिद्धार्थ विहार योजना से सटी हुई गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की प्रताप विहार लिगेंसी साइट से सॉलिड वेस्ट का बायो रेमेडिएशन पद्धति से निस्तारण करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम को पांच करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। सचिव ने बताया कि समूह में फ्लैट लेने पर 25 फीसद की छूट देने के अलावा बैठक में यह भी तय किया गया कि परिषद की बहुमंजिला परियोजनाओं में पांच फीसद फ्लैट बचे होने पर अब उनकी सार्वजनिक नीलामी करने की बजाय उन्हें अन्य फ्लैट की तरह ही बेचा जाएगा।
कार्मिकों को एसीपी का लाभ : परिषद के कार्मिकों के पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में पहली जनवरी 2016 से सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन (एसीपी) की व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी है। सचिव ने बताया कि इससे परिषद पर सालाना आठ से दस करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा। उन्होंने बताया कि परिषद कर्मचारियों के चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति दावों को शासन को भेजने का प्रस्ताव भी बोर्ड से स्वीकृत हुआ है। वास्तुविद सहायक ग्रेड-प्रथम और सहायक वास्तुविद नियोजक की भर्ती अब परिषद स्तर के बजाय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिये करने का भी निर्णय किया गया।
यह भी हुए फैसले
- गाजियाबाद की मंडोला विहार योजना के सेक्टर-7 में स्वयंवित्तपोषित योजना के तहत 1856 नग सुपर डीलक्स फ्लैट का पंजीकरण स्विचओवर करने का प्रस्ताव मंजूर।
- अगले वित्तीय वर्ष में अवस्थापना विकास कोष में पांच करोड़ रुपये अंशदान देगी परिषद।
- कोविड 19 के मद्देनजर संपत्तियों की किस्तों पर ब्याज की दरों में एकरूपता का निर्णय। इससे आवंटियों को 2.50 फीसद तक ब्याज दर कम होने का लाभ मिलेगा।
- 16 निष्प्रयोज्य वाहनों की जगह कॉमर्शियल वाहन सेवाप्रदाता फर्म से इलेक्ट्रिक वाहन की आपूर्ति का फैसला।
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