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    वाइन उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश बनेगा अग्रणी राज्य, कानपुर देहात में लगने वाला है बड़ा प्लांट

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 03:26 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को वाइन उत्पादन का केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक की कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। कई कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में वाइन उत्पादन की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं। सरकार वाइन उत्पादन करने वाली कंपनियों को आउटलेट खोलने की अनुमति दे रही है और आबकारी शुल्क में छूट भी प्रदान कर रही है।

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    वाइन उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश बनेगा अग्रणी राज्य।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वाइन उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए आबकारी विभाग ने इन्वेस्ट यूपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र व कर्नाटक की वाइन निर्माता कंपनियों के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

    महाराष्ट्र की प्रमुख वाइन निर्माता कंपनी सुला वाइनयार्ड सहित अन्य कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में वाइन उत्पादन के लिए संभावनाएं भी तलाशनी शुरू कर दी हैं। वहीं महाराष्ट्र की वाइन निर्माता कंपनी गुड ड्राप वाइन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड कानपुर देहात के रनिया में वाइन उत्पादन का प्लांट स्थापित कर रही है।

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    वाइन उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र, कर्नाटक व गोवा के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी पीछे चल रहा है। उत्तर प्रदेश में अंगूर की फसल न होने के कारण वाइन निर्माता कंपनियां यहां का रुख नहीं कर रही थीं, लेकिन अंगूर के स्थान पर आम, अमरूद, जामुन, शहतूत से वाइन बनाने का प्रयोग सफल होने के बाद अब कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश में रुचि दिखानी शुरू कर दी है।

    उत्तर प्रदेश में वर्तमान में नोएडा में सुरभि वाइन, मुजफ्फरनगर में केडी ग्रीन, सहारनपुर में वार्नी, लखनऊ के पास स्थित मलिहाबाद में एम्ब्रोसिया नेचर लिविंग कंपनी ने वाइन उत्पादन के प्लांट स्थापित किए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की गुड ड्राप वाइन कानपुर देहात के रनिया में अपना प्लांट स्थापित कर रही है।

    कंपनी के संचालक व वाइन ग्रोवर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के सचिव अश्विन रोड्रिक्स ने बताया कि आम, अमरूद, केला, जामुन व शहद से छह माह के भीतर वाइन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। वहीं मलिहाबाद में प्लांट स्थापित करने वाले एमडी सिंह बताते हैं कि उनके पिता ने वर्ष 1975 में प्लांट स्थापित किया था, लेकिन सरकार की मदद न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ा।

    अब 50 वर्षों बाद दोबारा वाइन उत्पादन का काम उन्होंने शुरू किया है। उनकी कंपनी आम, शहतूत, लौंग, दालचीनी व शहद से वाइन का उत्पादन कर रही है। अगले माह वाइन को बाजार में लांच किया जाएगा।

    आबकारी आयुक्त डा. आदर्श सिंह ने बताया कि वाइन उत्पादन करने वाली कंपनियों को आउटलेट खोलने की अनुमति दी गई है। साथ ही पांच वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट प्रदान की जा रही है।