शिफ्ट होंगे उत्तर प्रदेश के 23 बस अड्डे, दो साल तक चलेगा संवारने का काम; 16 जिलों के DM-SDM की बैठक कल
विकसित करने के लिए अस्थायी रूप से यूपी के 23 बस अड्डों को शिफ्ट किया जा रहा है। इन बस अड्डों को आधुनिक सुविधाओं से लेस किया जाएगा। इन बस स्टेशनों पर रिटेल आउटलेट्स मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इस संबंध में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस वर्चुअल बैठक में 16 जिलों के डीएम और उपजिलाधिकारी शामिल होकर वैकल्पिक भूमि को लेकर चर्चा करेंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पीपीपी माडल पर प्रदेश के 23 बस अड्डों पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इन बस स्टेशनों को संवारने के लिए करीब दो साल का समय लगेगा। इस बीच पीपीपी माडल से बनने वाले बस स्टेशनों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
अस्थायी बस अड्डों के लिए जमीन की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के लिए प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेंश्वर लू की अध्यक्षता में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस वर्चुअल बैठक में 16 जिलों के डीएम और उपजिलाधिकारी शामिल होकर वैकल्पिक भूमि को लेकर चर्चा करेंगे।
इन जिलों के उपजिलाधिकारी बैठक में होंगे शामिल
परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर की ओर से गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर, अयोध्या, बुलंदशहर, बरेली, रायबरेली, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, हापुड़ के जिलाधिकारियों को बैठक में शामिल होने का पत्र भेजा गया है। साथ ही गाजियाबाद (सदर), आगरा (सदर), प्रयागराज (सदर), लखनऊ (सदर एवं सरोजनीनगर), मेरठ (सदर), अलीगढ़ (कोल), गोरखपुर (सदर), अयोध्या धाम (सदर), बुलंदशहर (सदर), बरेली (सदर), रायबरेली (सदर), मिर्जापुर (सदर), वाराणसी (सदर), कानपुर (सदर), मथुरा (सदर), हापुड़ (गढ़मुक्तेश्वर) के उपजिलाधिकारी भी अस्थायी बस स्टेशन की भूमि उपलब्ध कराने के लिए बैठक में शामिल होंगे।
राज्य सड़क परिवहन निगम जिन 23 प्रमुख बस स्टेशनों को पीपीपी माडल पर आधुनिक बस टर्मिनल के रूप में विकसित करेगा, उसमें 11 बस स्टेशनों के लिए चयनित विकासकर्ता फर्मों के साथ अनुबंध भी हो चुके हैं। वहीं, शेष 12 बस स्टेशनों के लिए मंत्री परिषद के अनुमोदन बाद अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे।
इन बस स्टेशनों पर रिटेल आउटलेट्स, मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी। आधुनिक बस टर्मिनल का निर्माण विकासकर्ता फर्म को दो साल में पूरा करना है। ऐसे में दो साल तक यात्रियों को मुसीबत न उठाना पड़े इसके लिए बसों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था की शुक्रवार को यह बैठक होगी।
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