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    UPSSF गठन की प्रकिया शुरू, फिलहाल PAC के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर किया जाएगा शामिल

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 16 Sep 2020 12:37 PM (IST)

    यूपीएसएसएफ की पांच बटालियन के गठन के बाद दूसरे चरण में यूपीएसएसएफ में भर्ती के लिए जवानों की अलग से परीक्षा कराए जाने पर भी विचार चल रहा है।

    UPSSF गठन की प्रकिया शुरू, फिलहाल PAC के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर किया जाएगा शामिल

    लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के गठन को जल्द पूरा किए जाने की कसरत शुरू हो गई है। इसके जल्द गठन के लिए पीएसी के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिलाकर यूपीएसएसएफ में तैनाती दिए जाने की तैयारी है। पहले पांच बटालियन के गठन के बाद दूसरे चरण में यूपीएसएसएफ में भर्ती के लिए जवानों की अलग से परीक्षा कराए जाने पर भी विचार चल रहा है। पहले चरण में कोर्ट की सुरक्षा में इस बल की तैनाती की तैयारी है। 

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    डीजीपी मुख्यालय स्तर पर यूपीएसएसएफ के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एडीजी स्तर के अधिकारी इसके प्रभारी होंगे। इसके अलावा यूपीएसएसएफ में एक आइजी, एक डीआइजी व पांच एसपी की भी तैनाती होगी। आगे चलकर यूपीएसएसएफ के जवानों को खास प्रशिक्षण दिलाए जाने पर भी गहन विचार चल रहा है।

    बता दें कि मॉनसून सत्र में विधानमंडल से पारित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक, 2020 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह अधिनियम की शक्ल में लागू हो गया है। शासन ने पुलिस महानिदेशक को तीन महीने में इस यूपीएसएसएफ के पहले चरण को लांच करने के लिए सुझाव देने का निर्देश दिया है। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए गठित किये जाने वाले इस बल में वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे। विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में पांच बटालियन गठित की जाएंगी जिसके लिए कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जाएगा। अहम बात यह है कि अपनी ड्यूटी स्थल पर यूपीएसएसएफ को किसी आरोपित अथवा संदिग्ध को बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार होगा। पांच बटालियनों के गठन पर कुल 1747.06 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है जिसमें वेतन, भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी शामिल हैं।

    अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि एसएसफ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर काम करेगा। केंद्रीय सुरक्षा बल की तरह ही एसएसएफ को भी विशेष शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने बताया कि गजट में प्रकाशित इस अधिनियम की धारा 10 के अनुसार एसएसफ के सदस्य बिना किसी मजिस्ट्रेट की अनुमति तथा वारंट के किसी को गिरफ्तार कर सकेंगे। बल के सदस्यों को विशेष अधिकार देने के लिए अलग से नियमावली बनायी जाएगी। एसएसएफ के जवान किसी अपराधी के निकल भागने अथवा अपराध के साक्ष्य छिपाने की स्थिति में बिना वारंट उसकी तलाशी भी ले सकेंगे। अधिनियम के तहत गिरफ्तार आरोपित को निकट के थाने की पुलिस के हवाले किया जाएगा। 

    यहां होगा सुरक्षा का दायित्व : यूपीएसएसएफ उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों व परिसरों, व तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक व अन्य वित्तीय, शैक्षिक और औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा करेगा। वहीं, बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है जो उसके काम में रुकावट डाल रहा हो या जिसने कोई अपराध किया हो। वारंट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी। निजी क्षेत्र के अधिष्ठानों को भी यह बल सुरक्षा मुहैया करा सकता है लेकिन इसके लिए उन्हें निर्धारित शुल्क अदा करना होगा।