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    लखनऊ में राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा व डिजिटल फारेंसिक प्रशिक्षण दस से, यूपीएसआइएफएस में होगा आयोजन

    By Ayushman Pandey Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 06:15 PM (IST)

    Training on Cyber Security and Digital Forensic in UPSIFS: प्रशिक्षण सत्र का संचालन यूपीएसआइएफएस और देश के अन्य विशेषज्ञ प्रशिक्षक करेंगे। पाठ्यक्रम में साइबर अपराध के नए रुझान, डिजिटल साक्ष्य प्रबंधन, विधिक ढांचा, डेटा संरक्षण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित खतरे, वित्तीय धोखाधड़ी विश्लेषण, इंटरनेट मीडिया फारेंसिक और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध जांच जैसे विषय शामिल होंगे।

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    उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंस

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंस (यूपीएसआईएफएस) लखनऊ में साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल फारेंसिक विषय पर राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दस नवंबर से आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) प्रेम कुमार गौतम करेंगे।

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    भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आइ-4-सी), नई दिल्ली के सहयोग से पांच दिवसीय प्रशिक्षण 14 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। संस्थान के अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने बताया कि प्रशिक्षण में देश के विभिन्न राज्यों दिल्ली, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, मध्य प्रदेश और ओडिशा से उपनिरीक्षक से लेकर उपाधीक्षक स्तर तक के 40 पुलिस अधिकारी भाग लेंगे। इनके साथ अलावा लखनऊ में साइबर क्राइम मुख्यालय, आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) और राज्य के विभिन्न साइबर थानों के अधिकारी भी शामिल होंगे।

    मल्होत्रा ने बताया कि प्रशिक्षण सत्र का संचालन यूपीएसआइएफएस और देश के अन्य विशेषज्ञ प्रशिक्षक करेंगे। पाठ्यक्रम में साइबर अपराध के नए रुझान, डिजिटल साक्ष्य प्रबंधन, विधिक ढांचा, डेटा संरक्षण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित खतरे, वित्तीय धोखाधड़ी विश्लेषण, इंटरनेट मीडिया फारेंसिक और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध जांच जैसे विषय शामिल होंगे। प्रशिक्षण में केस स्टडी और प्रयोगशाला आधारित व्यावहारिक अभ्यास भी होंगे।

    दिसंबर 2025, जनवरी और फरवरी 2026 में भी इसी तरह के चार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह पहल देशभर में साइबर अपराध जांच और डिजिटल फारेंसिक क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में यूपीएसआइएफएस और (आइ-4-सी) की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगी।