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    एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के टारगेट के प्रति लापरवाह हैं यूपी के ये 15 विभाग, समय पर बजट खर्च करना बड़ी चुनौती

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश को 2029-30 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। लक्ष्य के लिए प्रयासरत सरकार को कई विभागों ...और पढ़ें

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    हेमंत श्रीवास्तव, जागरण लखनऊ। उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाते हुए वर्ष 2029-30 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर (ओटीडी) पहुंचाने की राह आसान नहीं है। इस लक्ष्य को पाने में जुटी प्रदेश सरकार के प्रयासों में कई विभाग अपेक्षित योगदान नहीं दे पा रहे हैं, जिससे तय समयसीमा में लक्ष्य हासिल करने की बड़ी चुनौती हैं। विभागों की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चालू वित्तीय वर्ष में ओटीडी योजनाओं के लिए आवंटित बजट का महज 20 प्रतिशत ही खर्च किया जा सका है, जबकि आठ महीने बीत चुके हैं।

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    विभागों की इस सुस्त चाल पर बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए ओटीडी के प्रोजेक्ट का काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही विकास कार्यों के लिए प्रविधानित बजट को तेजी से खर्च करने को कहा था। विकास कार्यों की धनराशि का समय से और तेजी से उपभोग करने के लिए मंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय प्रमुखों द्वारा समीक्षा करने का समय तक निर्धारित किया गया।

    परियोजनाओं को किया चिह्नित 

    वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभागों के पूंजीगत व्यय में से कुछ योजनाओं को ओटीडी से जुड़ी परियोजनाओं के रूप में चिह्नित किया गया है। ओटीडी प्रोजेक्टस के लिए 47,918 करोड़ रुपये का प्रविधान बजट में किया गया। 15 विभागों की 130 योजनाओं को इसमें लिया गया है। ओटीडी योजनाओं की प्रगति आठ महीने में यानी नवंबर तक कुल 9771 करोड़ रुपये खर्च करने की थी। प्रविधानित बजट का कुल 20 प्रतिशत धनराशि खर्च की जा सकी है। शेष बचे चार महीनों में 80 प्रतिशत धनराशि का उपभोग करने की चुनौती विभागों के समक्ष है।

    सूत्र बताते हैं कि लगातार समीक्षा के माध्यम से ओटीडी प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा कराने का काम विभागों से कराया जाएगा। 15 विभागों की 130 परियोजनाओं में भारी व मध्यम उद्योग की 34 योजनाएं, सूडा और आवास की चार-चार योजनाएं, एमएसएमई की 10, औद्यानिक व रेशम विकास विभाग की सात, कृषि विभाग की 16, ऊर्जा की तीन, नगर विकास की तीन, पर्यटन की 15 योजनाएं, नागरिक उड्ड्यन विभाग की चार, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की 13, मत्स्य विभाग की दो, परिवहन विभाग की तीन, पशुधन विभाग की 10 और दुग्धशाला विकास की दो परियोजनाओं को ओटीडी में चिह्नित किया गया है। 

    विभागवार बजट एवं खर्च विवरण

    विभागवार बजट प्रविधान एवं नवंबर तक कुल खर्च (रु. करोड़ में)
    विभाग का नाम बजट प्रविधान नवंबर तक कुल खर्च
    भारी व मध्यम उद्योग 21,821 4,436 (21%)
    सूडा़ 6,217 0 (0%)
    आवास 4,366 1,854 (42%)
    एमएसएमई 2,288 926 (40%)
    औद्यानिक एवं रेशम विकास 2,241 619 (28%)
    कृषि 1,985 298 (15%)
    ऊर्जा 1,896 809 (43%)
    नगर विकास 1,750 116 (7%)
    पर्यटन 1,350 358 (27%)
    नागरिक उड्डयन 1,190 34 (3%)
    आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स 976 37 (4%)
    मत्स्य 598 38 (6%)
    परिवहन विभाग 550 50 (9%)
    पशुधन 462 142 (31%)
    दुग्धशाला विकास 228 54 (23%)
    योग 47,918 9,771 (20%)