यूपी में मेडिकल संस्थानों में तैनाती की काउंसलिंग में हंगामा, दो साल सरकारी संस्थान में सेवा देने की शर्त का विरोध
मेडिकल संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनाती देने के लिए शनिवार को आयोजित की गई काउंसलिंग में हंगामा हुआ। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में डाक्टरों के विरोध के कारण काउंसलिंग दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हो पाई।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई पूरी कर चुके डाक्टरों को मेडिकल संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनाती देने के लिए शनिवार को आयोजित की गई काउंसलिंग में हंगामा हुआ। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में डाक्टरों के विरोध के कारण काउंसलिंग दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हो पाई। डाक्टर दो साल सरकारी संस्थान में सेवाएं देने के लिए भरवाए जा रहे बांड का विरोध कर रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि काउंसलिंग की जानकारी उन्हें 24 घंटे पहले दी गई। कई डाक्टर किसी न किसी काम से बाहर गए हुए थे, ऐसे में उन्हें आनन-फानन में आना पड़ा। करीब 122 पदों पर तैनाती की जानी है। डीएम व एमसीएच जैसे सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी कर चुके इन डाक्टरों का कहना था कि किस मेडिकल संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर के कितने पद खाली हैं, इसका ब्योरा भी ढंग से नहीं बताया गया।
संजय गांधी पीजीआइ और कैंसर संस्थान में कितनी सीटें हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई। पीजीआइ रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के महासचिव डा. अनिल गंगवार का कहना है कि काउंसलिंग के लिए कम समय दिया गया और न ही सीटों की ढंग से जानकारी दी गई। ऐसे में दोबारा सेंट्रल काउंसलिंग कराई जाए। उधर, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय द्वारा आयोजित की गई काउंसलिंग के माध्यम से प्रदेश भर में ज्यादातर संस्थानों में तैनाती दी गई। बचे पदों पर काउंसलिंग सोमवार को होगी।
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