यूपीपीएससी का बड़ा फैसला: 450 विशेषज्ञ बाहर, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए 450 विशेषज्ञों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आयोग ने यह निर्णय चयन प्रक्रिया के गोपनीय कार्यों की नियमित समीक्षा के दौरान लिया। आयोग का कहना है कि कुछ विशेषज्ञ गोपनीयता के मानकों का पालन नहीं कर रहे थे और उनकी कार्यशैली में अनियमितताएं पाई गईं। आयोग भविष्य में भी चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का चयन प्रक्रिया से जुड़े गोपनीय कार्यों की गुणवत्ता पर जोर है। आयोग ने पिछले चार वर्षों में गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने वाले लगभग 450 विशेषज्ञों को हमेशा के लिए अपने कार्यों से बाहर कर दिया है।
आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय ने बताया कि आयोग नियमित रूप से विशेषज्ञों के कार्यों की समीक्षा करता है। जिन विशेषज्ञों ने सत्यनिष्ठा, गुणधर्मिता, सार्वजनिक आचार-विचार और आयोग द्वारा तय मानकों के अनुरूप कार्य नहीं किया, उन्हें सूची से बाहर किया गया।
इसी क्रम में चार वर्ष में 450 विशेषज्ञों को गोपनीय कार्यों से विरत किया गया है। आयोग ने विशेषज्ञों के कार्यों की निरंतर समीक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था विकसित की है। आयोग चयन प्रक्रिया के गोपनीय कार्यों में जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहा है।
सत्यनिष्ठ आचरण नहीं करने वाले विशेषज्ञों के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग, अन्य राज्य लोक सेवा आयोगों और संबंधित संस्थानों को भी सूचना दी जा रही है। साथ ही आयोग ने बताया कि चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व उच्च गुणवत्ता वाला बनाने के लिए देशभर के प्रख्यात विशेषज्ञों को पैनल में शामिल किया जा रहा है।

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