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    बिजली उपभोक्ताओं के हित में बड़े शहरों में बदलेगा प्रशासनिक ढांचा, पश्चिमांचल के चार क्षेत्रों में बदलाव की रूपरेखा तैयार

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 10:17 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड बड़े शहरों में बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रशासनिक ढांचे में बदलाव करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। पश्चिमांचल के मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और बुलंदशहर में यह बदलाव पहले लागू होगा। नए ढांचे में छोटे डिवीजनों से उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। पश्चिमांचल में सफलता के बाद इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की तैयारियों के बीच पावर कारपोरेशन प्रबंधन अन्य वितरण कंपनियों के बड़े शहरों में बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रशासनिक संरचना में बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव के केंद्र में उपभोक्ता हितों को रखा गया है। दूसरी तरफ निजीकरण का पहले से विरोध कर रहे संगठन अब प्रशासनिक संरचना में बदलाव के कदम को निजीकरण की दिशा में ही बढ़ाया गया कदम बता रहे हैं।

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    पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने गाजियाबाद के दो शहरी क्षेत्र, मुरादाबाद क्षेत्र और सहारनपुर क्षेत्र की प्रशासनिक संरचना में बदलाव का खाका तैयार किया है। जिसमें नगरीय क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के व्यापक हित में ईज आफ लिविंग (जीवन जीने में आसानी) के सिद्धांतोंं को कार्यप्रणाली में शामिल करते हुए प्रशासनिक संरचना व प्रक्रिया के सरलीकरण किए जाने का जिक्र है।

    उन्होंने प्रशासनिक संरचना में बदलाव से संबंधित आख्या पावर कारपोरेशन प्रबंधन के समक्ष प्रस्तुत किया है। लिखा है कि नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की ईज आफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए संगठन के ढांचे सुधार करने की आवश्यकता है। जिसमें सभी प्रकार के सेवाओं के केंद्र में विद्युत वितरण निगम के कार्यालयों की जगह उपभोक्ता होंगे।

    दैनिक कार्यों की प्रक्रिया का सरलीकरण इस तरह से हो कि उपभोक्ताओं के साथ ही कार्मिकों को भी कार्य में सुगमता का अहसास हो। स्थापित व्यवस्था के स्थान पर कार्य की उपयोगिता के आधार पर कार्यों का विभाजन तथा उसके अनुसार कार्मिकों की तैनाती की नवीन व्यवस्था की गई है। पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम के निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस बदलाव को बड़े शहरों की बिजली के निजीकरण की रूपरेखा करार दिया है।

    समिति ने कहा है कि दुर्भाग्य की बात है कि पावर कारपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन अब पश्चिमांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के बड़े शहरों के निजीकरण की तैयारी में जुट गया है। हालांकि, पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था से उपभोक्ताओं को हो रही तमाम तरह की दिक्कतों को देखते हुए ही प्रशासनिक संरचना में बदलाव करने का निर्णय किया गया है। अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। मुख्य अभियंता तक उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।