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    मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में वर्टिकल से पहले दर्ज उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण धीमा

    By Anshu Dixit Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:19 PM (IST)

    MVVNL Vertical Service: पहले से दर्ज शिकायतों को जिस गति से निस्तारित करना चाहिए, वहीं नहीं हुआ।वहीं हेल्पडेस्क पर भी अभी सक्रियता ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि कुछ ग्रामीण उपभोक्ता बिजली विभाग की नई कार्यप्रणाली से परिचित नहीं है। 

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    मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

    जागरण टीम, लखनऊ : लखनऊ सहित कई जिलों में वर्टिकल सिस्टम लागू होने से पहले जिन बिजली उपभोक्ताओं ने शिकायतें दर्ज कराई थी, उनका निस्तारण धीमा है। यह लोग काफी परेशान हैं और इनको नये सिस्टम के लागू होने के हवाला देकर टरकाया भी जा रहा है।

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    केस एक-इंटौजा के विनोद ने 14 नवंबर को कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, टेक्निकल फिजिबिलटी रिपोर्ट लग गई। उपभोक्ता ने 6414 रुपये भी जमा कर दिए। मीटर व कनेक्शन नहीं हुआ। उपभोक्ता ने इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1912 पर भी की। अब यहां सिटीजन चार्टर का पालन किया जा रहा है।

    इसी तरह बरगदी कला के मजरा पात निवासी सुमन अपने बिल का संशोधन कराने के लिए कई माह से चक्कर लगा रही है। उनका कनेक्शन संख्या 1678444072 है। उपभोक्ता पढ़ा लिखा नहीं है, ऐसे में उसे उपकेंद्र में बैठने वाले कर्मी भी कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। उधर अधिशासी अभियंता अरुण कुमार भारती ने बताया नए कनेक्शन के लिए 1912 पर काल करने की बात कहते हुए कहा कि यह काम उनके क्षेत्र में नहीं आता है।

    केस दो- बीकेटी के बरगदी मगठ निवासी संतोष कुमार वर्मा के मुताबिक उनके पिता वीपति के नाम कनेक्शन था। तीन महीने पहले उनका निधन हो गया। उस कनेक्शन को कटाने के लिए 29 अक्टूबर को आवेदन किया था। इससे पूर्व पूरा बकाया जमा कर दिया। इसके बाद भी न मीटर उतारा गया और न अस्थायी कनेक्शन काटा गया। गुरुवार को हेल्पडेस्क पर भी शिकायत करते हुए कागजात दिखाए, लेकिन ठोस जवाब नहीं मिला।

    अकोहरी के उपभोक्ता रामप्रकाश का आरोप है कि कनेक्शन संख्या 5441070000 है। 20 नवंबर को बकाया बिल 1642 रुपये जमा कर दिया लेकिन बिल का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया। हेल्प डेस्क पर शिकायत की तो यूपीपीसीएल की एप्लीकेशन डाउन लोड करने को कहा गया।

    रामप्रकाश का आरोप है कि अगर उपभोक्ता पढ़ा लिखा नहीं है, उसे ऐप के बारे में नहीं पता है तो क्या बिल पाने का हकदार नहीं है। बीबीपुर के धीरेंद्र प्रताप सिंह ने सिंचाई के लिए आठ किलोवाट कनेक्शन के लिए दो माह पहले आवेदन किया था। एस्टीमेट के हिसाब से धनराशि भी जमा करा दी। साढ़ामऊ बिजली उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले उनके क्षेत्र में आज तक यह कनेक्शन नहीं हो सका। यह चंद मामले हैं।

    मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारी भरसक प्रयास कर रहे हैं कि शिकायतें दर्ज होते ही निस्तारित हो। इसके बाद भी पहले से दर्ज शिकायतों को जिस गति से निस्तारित करना चाहिए, वहीं नहीं हुआ। वहीं हेल्पडेस्क पर भी अभी सक्रियता ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि कुछ ग्रामीण उपभोक्ता बिजली विभाग की नई कार्यप्रणाली से परिचित नहीं है। इसको लेकर जो सहयोग शहरी क्षेत्र में दिया जा रहा है, वह ग्रामीण क्षेत्र में बनाई गई हेल्प डेस्क पर कम देखने को मिल रहा है।