UPPCL : ज्यादा फिक्स्ड चार्ज का खामियाजा भुगतेंगे बिजली उपभोक्ता, फ्यूल चार्ज से पड़ेगा दोहरा भार
UPPCL उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि अदाणी पावर का फिक्स्ड कास्ट जहां सर्वाधिक है वहीं फ्यूल चार्ज तो पांच वर्ष बाद पावर प्लांट के बनकर तैयार होने पर निर्भर करेगी। इस प्लांट की बिजली अंततः महंगी पड़ेगी जिसका खामियाजा कहीं न कहीं उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः ऊर्जा मंत्री एके शर्मा भले ही अदाणी पावर से मिलने वाली बिजली को सस्ती बता रहे हैं, लेकिन अभी पावर कारपोरेशन जिन 113 पावर प्लांट से बिजली खरीदता है उनमें से अदाणी पावर का फिक्स्ड चार्ज सबसे ज्यादा है। अन्य पावर प्लांट में से सर्वाधिक फिक्स्ड चार्ज अदाणी पावर का होने पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इस प्लांट की बिजली अंततः महंगी पड़ेगी जिसका खामियाजा कहीं न कहीं उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा।
दरअसल, मंगलवार को कैबिनेट ने प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग प्रक्रिया के तहत अदाणी पावर लिमिटेड द्वारा मीरजापुर में स्थापित किए जाने वाले 1600 मेगावाट के प्लांट की 1500 मेगावाट बिजली 25 वर्षों तक खरीदने का निर्णय किया है। यह बिजली 5.38 रुपये प्रति यूनिट होगी। इसमें फिक्स्ड चार्ज 3.727 रुपये प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज 1.656 रुपये प्रति यूनिट है।
गौर करने की बात है कि किसी भी पावर प्लांट की बिजली खरीद के करार में फिक्स्ड चार्ज का मतलब यह होता है कि पावर कारपोरेशन प्लांट से बिजली न भी लें तब भी उन्हें फिक्स्ड चार्ज संबंधित कंपनी को देना ही होगा। उल्लेखनीय है कि पावर कारपोरेशन वर्तमान में 113 पावर प्लांट से बिजली ले रहा है। इनमें से जिनका तीन रुपये यूनिट से ज्यादा फिक्स्ड चार्ज है उनमें घाटमपुर पावर प्लांट का फिक्स्ड कास्ट 3.396 रुपये, अलकनंदा हाइड्रो का 3.09 रुपये, टनकपुर का 3.41, एनपीजीसीएल का 3.13 रुपये प्रति यूनिट है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि अदाणी पावर का फिक्स्ड कास्ट जहां सर्वाधिक है वहीं फ्यूल चार्ज तो पांच वर्ष बाद पावर प्लांट के बनकर तैयार होने पर निर्भर करेगी। वर्मा ने कहा कि इस तरह से प्लांट की बिजली महंगी पड़ने से उपभोक्ताओं को ही खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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