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    UPPCL Employees Protest : विद्युत संगठनों के नेताओं के खिलाफ विजिलेंस का मुकदमा, विरोध में प्रदर्शन

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 28 Jun 2025 01:03 PM (IST)

    UPPCL Employees Protest News विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करार देते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष की परिसंपत्तियों की भी जांच कराए जाने की मांग सरकार से की है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके साथ ही दो अन्य बिजली नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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    विद्युत संगठनों के नेताओं के खिलाफ विजिलेंस का मुकदमा

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : पूर्वांचल व दक्षिणांचल बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत विद्युत संगठनों के नेताओं के खिलाफ सर्तकता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। सरकार के इस कदम को नेताओं ने तानाशाही बताया है।

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    बिजली निजीकरण का विरोध करने वाले तीन बिजली नेताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए विजिलेंस में मुकदमें से बिजली कर्मियों में आक्रोश है। शनिवार को बिजली कर्मी सभी जिलों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इन सभी आंदोलनकारी बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के खिलाफ आज किसान संगठन भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। प्रबंधन की इस कार्रवाई के खिलाफ कर्मचारी संगठन आंदोलन को तेज करने की तैयारी में हैं।

    प्राथमिकी दर्ज होने को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करार देते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष की परिसंपत्तियों की भी जांच कराए जाने की मांग सरकार से की है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके साथ ही दो अन्य बिजली नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा है कि उत्पीड़न की दृष्टि से आधारहिन और बिना हमारा पक्ष सुने एकतरफा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

    गुर्जर ने बताया कि पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन ने कहा था कि निजीकरण के विरोध पर कार्रवाई होगी। हमने भी प्रबंधन से स्पष्ट कहा था कि बिजली का निजीकरण किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसी भी तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को प्रदेश भर में बिजली कर्मियों ने पावर कारपोरेशन में आपातकाल जैसे माहौल के विरोध में सभी जिलों, परियोजनाएं और राजधानी लखनऊ में सभा कर चेतावनी दिवस भी मनाया।

    प्रबंधन को चेतावनी दी कि उत्पीड़न, दमन और झूठे आंकड़ों के दम पर बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। निजीकरण के विरोध में सामूहिक जेल भरो अभियान चलाने का संकल्प लिया गया। इसके साथ ही अब विजिलेंस के मुकदमें से पदाधिकारियों के उत्पीड़न की घोर भर्त्सना भी की गई।

    उल्लेखनीय है कि लगभग दो वर्ष पहले वर्ष 2023 में बिजलीकर्मियों ने हड़ताल की थी। हड़ताल पर हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद जून में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष एम. देवराज ने बिजली संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की चल-अचल संपत्तियों की विजिलेंस जांच कराने का निर्णय़ किया था।

    उनमें अभियंता संघ के महासचिव गुर्जर के अलावा उपाध्यक्ष प्रभात सिंह श्योरान, जूनियर इंजीनियर्स संगठन के अध्यक्ष सहायक अभियंता जय प्रकाश भारतीय, राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तकनीशियन (लाइन) चंद्र भूषण उपाध्याय व केंद्रीय महासचिव तकनीशियन मुहम्मद वसीम सहित कुछ और के नाम सामने आए थे। सूत्र बताते हैं कि सतर्कता जांच में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर अब नेताओं पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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