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    UPPCL: अगले महीने से बिजली का बिल आएगा कम, बचेंगे आपके इतने रुपये; जानिए क्या है वजह

    Updated: Fri, 25 Apr 2025 06:00 AM (IST)

    यूपी में मई में बिजली 2% सस्ती होगी अप्रैल में 1.24% महंगी हुई थी। फरवरी में फ्यूल सरचार्ज घटने से लगभग 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं के ₹170 करोड़ बचेंगे। अप्रैल से हर महीने बिजली का खर्च बदलेगा। हालांकि टैरिफ निर्धारण से दो-तीन माह में दरें औसतन 10% तक बढ़ सकती हैं। नियामक आयोग के अधिकार से यह बदलाव हो रहा है। उपभोक्ता परिषद और अधिक राहत की उम्मीद कर रहा है।

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    मई में दो प्रतिशत घट जाएगा बिजली का खर्चा

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अप्रैल में 1.24 प्रतिशत महंगी बिजली का झटका देने वाली बिजली कंपनियां अगले माह बिजली उपभोक्ताओं को राहत देंगी। मई में उपभोक्ताओं का दो प्रतिशत कम बिजली पर खर्च होगा। फरवरी में फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियों का खर्च घटने से 3.45 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के मई में 170 करोड़ रुपये बचेंगे।

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    अप्रैल से सरचार्ज के लागू होने से अब प्रतिमाह बिजली का खर्चा बढ़ता-घटता रहेगा। हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष के टैरिफ निर्धारण के लिए चल रही प्रक्रिया से दो-तीन माह में मौजूदा बिजली की दरों में औसतन 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

    उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत प्रत्येक माह स्वतः फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय करने का अधिकार मिलने के बाद बिजली कंपनियों ने अप्रैल में जहां 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी की वहीं अब मई में दो प्रतिशत सस्ती करने का आदेश किया है।

    फ्यूल सरचार्ज के लागू होने का अप्रैल में असर यह रहा कि मार्च में एक हजार रुपये की बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को जहां 12.40 रुपये ज्यादा देने पड़ रहे हैं वहीं मई में एक हजार रुपये का ही बिल होने पर उन्हें 20 रुपये कम देने होंगे।

    दो प्रतिशत बिजली का खर्चा होगा कम 

    गौर करने की बात यह है कि अप्रैल में 1.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी जनवरी में बिजली कंपनियों के बिजली खरीद का 78.99 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च होने के एवज में जहां की गई वहीं फरवरी में 170 करोड़ रुपये खर्च घटने से मई में उपभोक्ताओं का दो प्रतिशत बिजली का खर्चा कम होगा।

    जून में उपभोक्ताओं का बिजली खर्चा बढ़ेगा या घटेगा, यह मार्च में बिजली कंपनियों के खर्चे के आधार पर तय होगा। गौरतलब है कि नए रेगुलेशन के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली कंपनियों द्वारा आयोग में दाखिल किए जाने वाले एआरआर(वार्षिक राजस्व आवश्यकता) से बिजली की दरों के निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है।

    विदित हो कि वर्ष 2019 के बाद से राज्य में बिजली की दरें यथावत रही हैं लेकिन फ्यूल सरचार्ज के चलते अप्रैल में 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी हुई है। उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि मई में दो प्रतिशत से ज्यादा बिजली सस्ती होनी चाहिए। इस संबंध में परिषद अपने स्तर से भी छानबीन करेगा ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह का नुकसान न होने पाए।