UPPCL: यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए आया बड़ा अपडेट, कोई भी समस्या होने पर सबसे पहले करें ये काम
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने टोल फ्री नंबर 1912 की सेवाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उपभोक्ताओं की कॉल तत्काल रिसीव हो और कॉल ड्रॉप की समस्या न आए इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाएगा। कॉल सेंटर कर्मियों को प्रशिक्षित कर उपभोक्ताओं से शालीन व्यवहार व समस्याओं के समाधान पर जोर दिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने विद्युत उपभोक्ताओं के लिए टोल फ्री नंबर 1912 की सेवाएं और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। सिस्टम को और अधिक विकसित करने को कहा है जिससे उपभोक्ताओं के काल तत्काल रिसीव हों और काल ड्राप की समस्या न आए।
उपभोक्ताओं को इस सेवा पर बेहतर रिस्पांस मिले इसके लिए काल सेंटर में काम करने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षित करने का आदेश भी दिया है।
प्रशिक्षण के तहत काल सेंटर कार्मिकों को यह बताया जाएगा कि वह फोन करने वाले उपभोक्ता से शालीन व्यवहार करें, उनकी समस्याएं पूरे धैर्य के साथ सुनें और शिकायतों को संबंधित अधिकारी तक भेजकर समस्या का निदान कराएं।
चेयरमैन ने टोल फ्री कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के दिए निर्देश
अध्यक्ष ने कहा कि 1912 पर उपभोक्ता इस उम्मीद से फोन करता है कि उसकी समस्या का निदान हो, इसलिए हम सभी कीे जिम्मेदारी है कि उसका विश्वास कायम रहे और समस्या का समय से समाधान हो जाए। शुक्रवार को शक्ति भवन में आयोजित इस बैठक में 1912 की व्यवस्था संभाल रही संस्थाओं के प्रतिनिधि, बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अध्यक्ष ने कहा कि गर्मियों के दिनों में विद्युत संबंधी दिक्कतें आने पर उपभोक्ता उम्मीदों के साथ 1912 पर फोन करते है। सभी प्रबंध निदेशक अपने डिस्काम में काल सेंटर का निरीक्षण करें। तय करें कि काल सेंटर कार्मिक उपभोक्ताओं से बेहतर व्यवहार करें।
कहीं भी कोई विद्युत व्यवधान हो तो उसकी पूरी सूचना काल सेंटर पर तत्काल दी जाए, ताकि उपभोक्ताओं को अवगत कराया जा सके। व्यवधान दूर होते ही उपभोक्ताओं को यह सूचना मैसेज के माध्यम से दी जाए। डिस्काम स्तर पर काल सेंटर के कामों की नियमित समीक्षा की जाए। शिकायतें लंबित रहने पर जिम्मेदारी तय की जाए।
बिजली निजीकरण के लिए ग्रांट थार्नटन देगी तकनीकी सलाह
तमाम विरोधों के बीच शुक्रवार को 42 जिलों की बिजली के निजीकरण के लिए तकनीकी सलाहकार चयन को फाइनेंसियल बिड खोला गया। न्यूनतम बोली के आधार पर ग्रांट थार्नटन का सलाहकार बनना तय माना जा रहा है। हालांकि, बिड खोले जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे रद करने की मांग कर्मचारी और उपभोक्ता संगठनों ने की है।
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सूत्रों के अनुसार फाइनेंसियल बिड में अर्न्स्ट एंड यंग को 91, डेलाइट को 84 और ग्रांट थार्नटन को 83 नंबर मूल्यांकन कमेटी ने दिए। ग्रांट थार्नटर की फाइनेंसियल बिड भी न्यूनतम आई है। ग्रांट थार्नटर की बिड जहां ढाई करोड़ रुपये से कम आई है वहीं अन्य दोनों की 10 करोड़ रुपये से अधिक थी।
इसके आधार पर ग्रांट थार्नटन को सलाहकार का टेंडर अवार्ड होना तय माना जा रहा है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिड खोले जाने की पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि पूरा टेंडर पहले से फिक्स था।
हितों के टकराव के दायरे में आ रहीं दो कंपनियों को सिर्फ इसलिए टेंडर में बनाए रखा गया ताकि तीन टेंडर का मानक पूरा हो सके। आरोप लगाया है कि असंवैधानिक तरीके से टेंडर खोला गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। भ्रष्टाचार के इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि सलाहकार चयन के टेंडर में अपनाई गई प्रक्रिया पूरी तरह असंवैधानिक है। लाखों करोड़ की संपत्ति लूटने के लिए यह मिला जुला खेल खेला गया है। मिलजुल कर तीन टेंडर डलवाए गए। तीनों कंपनियां हितों के टकराव के दायरे में आती हैं। यह खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निजीकरण का निर्णय तत्काल रद करें।

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