UPPCL : स्मार्ट मीटर को लेकर आ गई बड़ी खबर, आखिर लिया गया यह फैसला; अफसरों से रिपोर्ट तलब
याचिका पर कारपोरेशन को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि वर्ष 2018 में स्वीकृत रोल आउट प्लान में स्पष्ट किया गया था की स्मार्ट मीटर रिमोट प्रणाली से संचालित होंगे फिर भी यह मीटर सामान्य मीटर की तरह क्यों कार्य कर रहे हैं। आयोग ने ऊर्जा निगम से अप्रैल 2024 के बाद लगाए गए स्मार्ट मीटरों की माह वार रिपोर्ट तलब की है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के स्मार्ट मीटरों को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। आयोग ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन से 15 दिनों में स्मार्ट मीटरों की परफारमेंस (प्रदर्शन) रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। आयोग ने पूछा है कि उपभोक्ताओं के यहां लगाए गए स्मार्ट मीटर रिमोट संचालित क्यों नहीं है?
दरअसल, स्मार्ट मीटर में तमाम खामियों को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि अब तक 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। केंद्र सरकार की आरडीएसएस (पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना) के तहत 27,000 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट प्री पेड व पोस्ट पेड मीटरों को लगाने का कार्य चल रहा है।
योजना के तहत करीब 45,000 मीटर लगाए गए हैं। वर्मा ने बताया कि बिजली का बिल जमा न करने पर स्मार्ट मीटर उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया जाता है लेकिन बिल जमा करने के बाद दो घंटे की बजाय बिजली की आपूूर्ति शुरू होने में आठ से दस घंटे लग रहे हैं। इस पर उन्होंने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार से मुलाकात कर 29 अगस्त को याचिका दायर की थी। याचिका में सवाल उठाया था कि यह स्मार्ट मीटर, सामान्य मीटरों की तरह ही काम कर रहे हैं। इन्हें बिलिंग सर्वर से जोड़ने में भी समस्या आ रही हैं।
याचिका पर कारपोरेशन को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि वर्ष 2018 में स्वीकृत रोल आउट प्लान में स्पष्ट किया गया था की स्मार्ट मीटर रिमोट प्रणाली से संचालित होंगे, फिर भी यह मीटर सामान्य मीटर की तरह क्यों कार्य कर रहे हैं। आयोग ने ऊर्जा निगम से अप्रैल 2024 के बाद लगाए गए स्मार्ट मीटरों की माह वार रिपोर्ट तलब की है।
साथ ही यह रिपोर्ट भी मांगी है कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड और आरडीएसएस योजना के तहत लगाए गए स्मार्ट मीटरों में से कितने मीटरों में रिमोट के जरिए रीडिंग और बिलिंग की व्यवस्था है। प्रीपेड, पोस्टपेड व टीओडी सहित नेट मीटरिंग की स्थिति क्या है। उसका प्रतिशत कितना है। मीटर की फ्रीक्वेंसी क्या है। स्मार्ट मीटरों को लेकर बिजली चोरी के कितने मामले सामने आए हैं। एमडीएमएस (मीटर डाटा प्रबंधन सिस्टम) कितनी रिपोर्ट जनरेट कर रहा है?
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