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    यूपी में खाने-पीने की दुकानों पर लगानी होगी 'नेमप्‍लेट', कांवड़ यात्रा मार्ग को लेकर सीएम योगी का बड़ा फैसला

    योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों पर मालिक और वहां काम करने वालों का नाम लिखने का फैसला ल‍िया है। पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी। यही नहीं हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। योगी सरकार के इस फैसले को लेकर व‍िपक्ष हमलावर है।

    By Vinay Saxena Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 19 Jul 2024 12:06 PM (IST)
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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    एएनआई, लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' को अन‍िवार्य कर द‍िया है। मुख्‍यमंत्री कार्यालय से शुक्रवार को जानकारी दी गई क‍ि कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।

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    देशभर में विरोध के बावजूद कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों पर मालिक और वहां काम करने वालों का नाम लिखने के फैसले पर योगी सरकार अडिग है। साफ कहा गया है क‍ि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्‍ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है। 

    मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने भी सरकार के इस कदम की न‍िंदा की   

    इस प्रकरण में केंद्र सरकार के अहम घटक जदयू के केसी त्यागी और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस कदम की निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सांप्रदायिक और भेदभाव वाला कदम बताकर सरकार को घेरा है। 

    एनएचआरसी पहुंचा मामला

    वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि पुलिस की मंशा ठीक नहीं है और यह आदेश अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के साथ भेदभाव करता है।

    क्‍या बोले मंत्री कप‍िल देव अग्रवाल?

    उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा, "यह ठेले वालों का विषय नहीं है। कांवड़ मार्ग पर जो लोग हरिद्वार और गोमुख से जल लेकर 250-300 किलोमीटर की यात्रा करके अपने गंतव्य की ओर जाते हैं...हमने जिला प्रशासन से आग्रह किया था कि जो लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबा/होटल चलाते हैं, उनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से होते हैं। कांवड़िए उनकी दुकानों पर जाते हैं, खाते हैं और वो नॉनवेज बेचते हैं... यानी दुकान का नाम हिंदू देवी-देवता के नाम पर और वहां नॉनवेज बेचते हैं, उनके ऊपर प्रतिबंध लगना चाहिए और उनके नाम की पहचान होनी चाहिए। हमें किसी के नॉनवेज बेचने पर आपत्ति नहीं है... हमने सिर्फ आग्रह किया था कि हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर दुकानें खोलकर नॉनवेज ना बेचा जाए। इसी के संबंध में प्रशासन ने कार्रवाई की है।"

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