लखनऊ में जुटेंगी पूरे प्रदेश की महिला उद्यमी, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई उड़ान
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 18 दिसंबर को लखनऊ में एक राज्य-स्तरीय समागम आयोजित करेगी। इस कार्यक्रम में 75 जिलों की महिला ...और पढ़ें

इंटरनेशनल एक्सपर्ट ग्रामीण महिलाओं को बनाएंगे बिजनेस वूमन
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं को पारंपरिक आजीविका के दायरे से बाहर निकालकर आधुनिक उद्यमी बनाने की दिशा में योगी सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप, महिला नेतृत्व वाली उद्यमिता को सशक्त बनाने के लिए आगामी 18 दिसंबर को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक भव्य राज्य-स्तरीय समागम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी 75 जिलों से महिला उद्यमी शिरकत करेंगी, जहाँ उन्हें देश-विदेश के विशेषज्ञों से सीधे संवाद और सीखने का अवसर मिलेगा।
बाजार से जुड़ाव और डिजिटल तकनीक पर जोर
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को केवल 'कामगार' तक सीमित न रखकर उन्हें सफल 'बिजनेस वूमन' के रूप में स्थापित करना है। कार्यक्रम के दौरान विशेष सत्रों के माध्यम से महिलाओं को निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा:
बाजार की समझ: उत्पादों को स्थानीय स्तर से वैश्विक स्तर तक ले जाने के गुर।
फाइनेंस तक आसान पहुंच: बिजनेस विस्तार के लिए वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना।
आधुनिक तकनीक: उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और डिजिटल मार्केटिंग के लिए नई तकनीकों का उपयोग।
एक मजबूत ईकोसिस्टम का निर्माण
ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की महिलाएं अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान दर्ज करा रही हैं। सरकार तकनीकी संस्थानों, वित्तीय एजेंसियों और समुदाय-आधारित संगठनों के बीच एक ऐसा समन्वय (Ecosystem) तैयार कर रही है, जिससे महिला उद्यमियों को स्थायी आजीविका के साथ-साथ आर्थिक सुरक्षा भी मिल सके।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
योगी सरकार की यह पहल समावेशी विकास की एक अनूठी मिसाल है। पारंपरिक व्यवसायों को आधुनिक बिजनेस मॉडल से जोड़कर सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आत्मविश्वास के साथ उद्यमिता की दुनिया में कदम रखें। इस कदम से न केवल महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी एक नई और तेज गति प्राप्त होगी।

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