पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर का हब बनेगा UP, तीन स्टोरेज पावर परियोजनाओं को मंजूरी, सोनभद्र में लगेंगी परियोजनाएं
लखनऊ ग्रीन एवं क्लीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही उत्तर प्रदेश सरकार ने पंप स्टाेरेज पावर (पीएसपी) की तीन बड़ी परियोजनाओं को सोनभद्र जिले के लिए शासन के स्तर से सैद्धांतिक मंजूरी दी। इन तीनों परियोजनाओं के जरिये 22710 करोड़ रुपये का निवेश होगा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : ग्रीन एवं क्लीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही उत्तर प्रदेश सरकार ने पंप स्टोरेज पावर या पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर को बढ़ावा देते हुए प्रदेश को हरित ऊर्जा का सबसे बड़ हब बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए हैं। इस कड़ी में पंप स्टाेरेज पावर (पीएसपी) की तीन बड़ी परियोजनाओं को सोनभद्र जिले के लिए शासन के स्तर से सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।
परियोजनाओं पर 22,710 करोड़ रुपये का निवेश, 1300 लोगों को मिलेगा रोजगार
ग्रीनको ग्रुप एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड और टोरेंट पावर लिमिटेड की पंप स्टोरेज पावर परियोजनाओं के चालू होने के बाद 7,260 मेगावाट की अतिरिक्त हरित ऊर्जा का सृजन होगा। इन तीनों परियोजनाओं के जरिये 22,710 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे प्रत्यक्ष तौर पर 1300 से अधिक लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे। अवस्थापन एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने तीन कंपनियों को परियोजना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति से जुड़ा पत्र जारी कर दिया है।
बता दें कि फरवरी माह में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपीजीआइएस) में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हुए थे। इनमें ग्रीनको एनर्जीज ने 17,180 करोड़ रुपये की लागत से 3660 मेगावाट की क्षमता वाली दुनिया की सबसे बड़ी आफ स्ट्रीम पीएसपी परियोजना के विकास के लिए एमओयू किया था। कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट के लिए सोनभद्र जिले में स्थान की पहचान कर ली है। वहीं, 5530 करोड़ रुपये की लागत से 1200 मेगावाट क्षमता के पावर स्टोरेज प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने में जुटी जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी ने भी सोनभद्र जिले में जमीन की पहचान कर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी है।
टोरेंट पावर ने भी 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट की पीएसपी परियोजना विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। यह परियोजना भी सोनभद्र जिले में ही लगेगी। उल्लेखनीय है कि गत छह मई को सिंचाई, राजस्व, ऊर्जा, वन, डीएम-सोनभद्र व मीरजापुर के आयुक्त की संयुक्त बैठक में पंप स्टाेरेज पावर प्रोजेक्ट पर संयुक्त रूप से विमर्श किया गया था। औद्योगिक विकास आयुक्त के परामर्श के बाद, एक इन सभी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।
क्या होता है पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट?
पंप स्टाेरेज पावर परियोजना क्लीन, ग्रीन व सेफ प्रोजेक्ट है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को वाटर बैटरी भी कहा जाता है। इस परियोजना के तहत सस्ती ऊर्जा के समय पानी को ऊपरी रिजरवायर में पंप किया जाता है। विद्युत की मांग बढ़ने और महंगी होने पर पानी को ऊपरी रिजरवायर से निचले रिजरवायर में ले जाकर बिजली पैदा की जाती है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पीक डिमांड के समय ऊर्जा का उत्पादन करती है और पानी ऊपरी रिजरवायर में स्टोर करने का कम तब होता है जब बिजली सस्ती होती है।
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