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    UP News: अगले माह पता चलेगा कितने बढ़े-घटे तेंदुआ, भालू व भेड़िया, बाघ को छोड़कर अन्य सभी वन्यजीवों की गणना शुरू

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 11:00 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में तीन साल बाद वन्यजीवों की गणना हो रही है जिसमें बाघों को छोड़कर तेंदुए भालू भेड़िये जैसे 30 प्रजातियों के वन्यजीवों की आबादी का आकलन क ...और पढ़ें

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    अगले माह पता चलेगा कितने बढ़े-घटे तेंदुआ, भालू व भेड़िया

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अगले महीने यह पता चलेगा कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान कितने तेंदुआ, भालू, भेड़िया व लकड़बग्घा बढ़े या घटे हैं। प्रदेश में तीन वर्षों बाद नए सिरे से वन्यजीवों की गणना की जा रही है। 

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    यह गणना राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार व इनके बाहर के सभी वन क्षेत्रों में होगी। इसमें बाघ को छोड़कर सभी प्रकार के वन्यजीवों की गणना की जाएगी। बाघ की गणना हर चार वर्ष में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अलग से कराता है। सभी प्रभागीय वनाधिकारियों को वन्यजीवों की गणना के लिए अपने-अपने प्रभाग का समन्वयक बनाया गया है। 

    मंडलीय मुख्य वन संरक्षक व जोनल मुख्य वन संरक्षक इसके मुख्य व्यवस्थापक बनाए गए हैं। 26 जून तक पूरे प्रदेश से सूचना एकत्र हो जाएगी। जुलाई में वन्यजीवों की गणना के परिणाम सार्वजनिक हो जाएंगे।

    प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराधा वेमूरी ने सभी प्रभागों को वन्यजीवों की गणना के आदेश भेज दिए हैं। इसमें कहा गया है कि प्रभाग या क्षेत्र जिसमें यह गणना की जाए वहां इन्हें छोटी-छोटी इकाइयों में इस प्रकार विभाजित किया जाए कि प्रत्येक गणना इकाई में प्रगणक द्वारा एक ही दिन सुबह पांच बजे से शाम तक गणना कार्य पूरा किया जा सके। 

    प्रत्येक गणना पार्टी में दो प्रगणक लगाए जाएं। तीन दिन अलग-अलग गणना करने के बाद तीनों दिनों की गणना में पाए गए प्रत्येक प्रजाति के वन्यजीवों का औसत प्रगणकों द्वारा 16 जून तक क्षेत्रीय वनाधिकारी द्वारा अपने-अपने प्रभागीय वनाधिकारी को भेजा जाए। 

    सभी डीएफओ मुख्य वन संरक्षक को रिपोर्ट 20 जून तक भेजेंगे। इसके बाद सभी मुख्य वन संरक्षक अपने-अपने जोन की संकलित सूचना दिनांक 26 जून तक प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव को उपलब्ध कराएंगे।

    30 प्रजातियों के वन्यजीवाें की होगी गणना

    अभियान के दौरान करीब 30 प्रजातियों के वन्यजीवों की गणना हाेगी। इसमें गुलदार/तेंदुआ, फिशिंग कैट, चिंकारा, काला हिरन, शूकर हिरन, पाड़ा, चौसिंघा, वनरोज, घुरल, सांभर, चीतल, बारासिंघा, काकड़, भालू, सुअर, बंदर, लंगूर, गैंडा, मगर, घड़ियाल, भेड़िया, लकड़बग्घा, लोमड़ी, सियार, मोर, वनगाय, जंगली बिल्ली, बिज्जू, सेही, गोह व अन्य शामिल हैं।