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    UP Weather: पुरवा हवा और बादलों ने औसत से पांच डिग्री तक बढ़ाया न्यूनतम तापमान, अगले 48 घंटों में बदलेगा मौसम

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:57 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में पुरवा हवा और बादलों के चलते न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री तक की वृद्धि हुई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में मौसम बदलने की संभावना जताई है, जिससे तापमान गिर सकता है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है। तापमान में वृद्धि का कारण पूर्वी हवाएं और बादल बताए गए हैं।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। कुछ वर्षों पहले दीपावली के बाद दिन में भी हल्की सर्दी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष 25 अक्टूबर तक लोग हाफ टी-शर्ट में घूम रहे हैं। इसका कारण है कि प्रदेश में इन दिनों सक्रिय मौसम तंत्र नहीं है। बादल छाए हुए हैं। दिन में धूप निकल रही है। इससे रात में भी धरती ठंडी नहीं हो पा रही। इस कारण न्यूनतम तापमान बढ़े हुए हैं। सामान्यत: इस सीजन में पछुआ हवा चलती है, लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से पुरवा हवा चल रही है। पुरवा नमी लेकर आती है। नमी में संवेदी ऊष्मा होती है। इस कारण भी तापमान में थोड़ी वृद्धि हुई है।

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    मौसम केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि औसत (30 वर्षों की तुलना में) अधिकतम तापमान में बहुत अंतर तो नहीं है, किंतु न्यूनतम तापमान (लखनऊ में) सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान औसत से एक से तीन डिग्री सेल्सियस तक अधिक है। इस नाते रात में कहीं पंखा तो कहीं एसी तक चलाना पड़ रहा है। हालांकि पिछले 48 घंटों में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम तापमान गिरा है, इसके बाद भी इतनी गर्मी है।

     

    48 घंटों में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक गिरेगा तापमान

     

    डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 28 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, हालांकि आसमान साफ होने और सतही हवाओं के उत्तरी-पूर्वी होने के साथ ही प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू होगी। अगले 48 घंटों में प्रदेश का न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस कम होगा, लेकिन अधिकतम तापमान में तीन दिनों तक विशेष परिवर्तन नहीं होगा।

    दक्षिणी-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बने निम्नदाब क्षेत्र के पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ने से यह 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम व पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती तूफान (मुख्य प्रभाव पूर्वी तटीय राज्यों पर संभावित है) में बदल सकता है। इससे आंशिक रूप से उत्तर प्रदेश भी प्रभावित होगा और तीन दिनों के बाद फिर से प्रदेश में बादलों की आवाजाही शुरू होगी। इससे अधिकतम तापमान में गिरावट होने के साथ 29-30 अक्टूबर को प्रदेश के दक्षिणी-पूर्वी भाग में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हो सकती है।