उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का धीमा पंजीकरण: तकनीकी बाधाएँ
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को डिजिटल करने के लिए शुरू किए गए 'उम्मीद पोर्टल' में तकनीकी दिक्कतों के चलते काम धीमा है। पांच महीनों में केवल 1.5% संपत्तियां ही दर्ज हो पाई हैं। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केंद्र सरकार से पोर्टल की खामियों को दूर करने का आग्रह किया है, क्योंकि सिस्टम क्रैश होने और मुतवल्लियों को पंजीकरण में परेशानी होने से निर्धारित समय सीमा तक पंजीकरण पूरा करना मुश्किल है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी और सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से शुरू किए गए ‘उम्मीद पोर्टल’ में पांच माह में मात्र डेढ़ प्रतिशत संपत्तियां ही दर्ज हो सकी हैं। पोर्टल की तकनीकी खामियोें के कारण इसका काम थम गया है।
इसके लिए शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को आनलाइन दर्ज कर डिजिटल रिकार्ड तैयार करने की अंतिम तिथि पांच दिसंबर है।
प्रदेश में शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में कुल 1,34,094 वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन अब तक केवल 1,996 संपत्तियों का ही पंजीकरण हो सका है। यानी कुल संपत्तियों का महज डेढ़ प्रतिशत हिस्सा ही पोर्टल पर दर्ज हो पाया है।
शिया वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जीशान रिजवी ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पोर्टल की खामियों को जल्द दूर करने का आग्रह किया है।
संपत्तियों की जानकारी अपलोड करते समय कई बार सिस्टम क्रैश हो जाता है, जिससे डाटा दर्ज करना मुश्किल हो जाता है। यदि कोई एक से अधिक संपत्तियों का मुतवल्ली है तो उसे भी पंजीकरण में दिक्कत आ रही है।
दोनों वक्फ बोर्डों का मानना है कि तकनीकी खामियां दूर किए बिना पोर्टल पर निर्धारित समय सीमा तक सभी संपत्तियों का पंजीकरण पूरा करना संभव नहीं होगा।
बोर्ड ने अनुरोध किया है कि संबंधित तकनीकी टीम जल्द से जल्द पोर्टल की खामियां दूर करें ताकि प्रदेश की वक्फ संपत्तियों का सही ढंग से डिजिटलाइजेशन हो सके।

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