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    UP News: आप अगर वोटर हैं तो ये खबर जरूर पढ़ें, 2003 की लिस्ट से होगा मिलान, जानें क्यों?

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 10:44 PM (IST)

    लखनऊ में 22 साल बाद मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होगा। वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची का मिलान किया जाएगा। दोनों सूचियों में नाम होने पर दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया और बीएलओ की भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज करने पर जोर दिया।

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    प्रदेश में 22 वर्ष बाद होगा एसआइआर, वर्ष 2003 में हुआ था आखिरी बार।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 22 वर्ष बाद चुनाव आयोग मतदाताओं का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) कराने जा रहा है। यहां आखिरी बार एसआइआर वर्ष 2003 में हुआ था। वर्तमान मतदाता सूची का मिलान वर्ष 2003 की सूची से किया जाएगा।

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    दोनों मतदाता सूची में जिनके नाम होंगे उन्हें बीएलओ को कोई भी दस्तावेज नहीं देना होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया।

    जिन मतदाताओं के नाम पुरानी मतदाता सूची में हैं और उनके बच्चों के नाम बाद में जुड़े हैं तो बच्चों को अपना दस्तावेज देना होगा। हालांकि, एसआइआर कब से शुरू होगा इसकी तिथि आयोग ने अभी घोषित नहीं की है।

    उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम) में हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में मतदाता सूची से संबंधित विधिक प्रविधानों, ईआरओ नेट, बीएलओ एप एवं एसआइआर की प्रक्रियाओं के संबंध जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में आठ जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ 137 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी शामिल हुए।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना-प्रपत्र वितरित करने, इन्हें भरने में सहयोग करने, एकत्रित करने व मतदाता का सत्यापन तथा उसे बीएलओ एप पर अपलोड करने की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी का नाम काटा जा रहा है तो उससे संबंधित सभी अभिलेख सुरक्षित रखे जाएं।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मतदाता सूची त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाया जाए।

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण प्राप्त ईआरओ अपने-अपने विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में अधीनस्थ बीएलओ और सुपरवाइजरों को भी छोटे-छोटे समूहों में प्रशिक्षित करें ताकि प्रत्येक स्तर पर प्रक्रिया की गुणवत्ता बनी रहे।

    उन्होंने उन पोलिंग बूथों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जहां लिंगानुपात असंतुलित है। ऐसे बूथों के लिए कार्ययोजना बनाकर बीएलओ के माध्यम से समूहवार जागरूकता और नामांकन कराया जाए। 18-19 आयु वर्ग के युवाओं को भी विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची में निर्वाचक नामावली में शामिल करने पर बल दिया गया।