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    SIR in UP: यूपी में 2.91 करोड़ मतदाताओं के कट सकते हैं नाम, ये है बड़ी वजह

    By SHOBHIT SRIVASTAVAEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 10:17 PM (IST)

    यूपी में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 2.91 करोड़ के नाम कट सकते हैं। इनमें मृत, दूसरे ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 2.91 करोड़ के नाम कट सकते हैं। इनमें मृत, दूसरे जगह स्थानांतरित, अनुपस्थित व डुप्लीकेट श्रेणी के मतदाता शामिल हैं। यह कुल मतदाताओं का 18.84 प्रतिशत है।

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    इतनी बड़ी तादाद में नाम कटने के आसार को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इनके सत्यापन के लिए भारत निर्वाचन आयोग से 14 दिन का अतिरिक्त समय मांगा है। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को यह सूची उपलब्ध कराकर जांच में सहयोग मांगेंगे।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बुधवार तक 99.14 प्रतिशत (15.30 करोड़) मतदाताओं का डिजिटाइजेशन काम पूरा हो चुका है। गुरुवार को शत-प्रतिशत डिजिटाइजेशन की संभावना है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग से एक-दो दिनों में 14 दिनों का अतिरिक्त समय बढ़ने का आदेश जारी होने की संभावना है।

    उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची से अब तक 76 प्रतिशत मतदाताओं के रिकार्ड मिल गए हैं। बाकी लोगों के लिए रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। जिन मतदाताओं की प्रविष्टियां अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत व डुप्लीकेट में मिली हैं, उनके विवरण राजनीतिक दलों के बीएलए के साथ साझा किए जाएंगे। साथ ही ये सूचियां सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइटों पर भी प्रकाशित की जाएंगी, ताकि जांच प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित हो सके। राजनीतिक दलों के अंदर भी कोई संशय न रह जाए।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 14 दिनों का अतिरिक्त समय मिलने का उपयोग बूथवार ऐसे मतदाताओं की जांच बीएलए के साथ मिलकर किया जाएगा। एसआइआर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस समय का प्रयोग किया जाएगा। इनमें से जो भी लोग वास्तव में जीवित और वैध मतदाता पाए जाएंगे उनके गणना प्रपत्र भरवाकर नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। वहीं, वास्तविक रूप से मृत, स्थानांतरण, अनुपस्थित या डुप्लीकेट पाए जाने पर उनके नामों को सूची से हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

    किस श्रेणी में मिले कितने मतदाता

    स्थानांतरित- 1.27 करोड़

    अनुपस्थित- 84.73 लाख

    मृत-46 लाख

    डुप्लीकेट- 23.70 लाख

    जिन्होंने फार्म नहीं किए जमा- 9.57 लाख

     

    समय बढ़ने पर 30 को जारी होगी ड्राफ्ट सूची

    भारत निर्वाचन आयोग से 14 दिन का समय बढ़ने पर ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 16 दिसंबर के बजाय 30 दिसंबर को होगा। इसके बाद दावे व आपत्तियां मांगी जाएंगी। जिनके रिकार्ड वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नहीं मिले हैं उन्हें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) नोटिस देंगे। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा मान्य 12 प्रमाण पत्रों में से एक उपलब्ध कराना होगा।

    जिनका एसआइआर में नहीं आया नाम उन्हें भरना होगा फार्म-6

    जिनका नाम वर्ष 2025 की मतदाता सूची में नहीं है, उनके पास गणना प्रपत्र भी नहीं आया है, वह फार्म-6 भरकर मतदाता बन सकते हैं। जिनके पास गणना प्रपत्र आया था लेकिन वह किन्हीं कारणों से भर नहीं सके तो वे भी फार्म-6 भरकर मतदाता बन सकते हैं। हालांकि, इन्हें एक शपथ पत्र भरना होगा। इसमें गणना प्रपत्र की तरह ही 2003 का रिकार्ड देना होगा। इसके साथ ही एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा भी फार्म-6 भरकर मतदाता बन सकते हैं।