UP Vidhanmandal Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 19 से, अधिसूचना जारी
Winter Session of UP VidhanMandal: हर बार की तरह यह सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। विपक्षी दल एसआईआर के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरने का काम कर सकते ...और पढ़ें

यूपी विधानमंडल का सत्र
राज्य ब्यूराे,जागरण, लखनऊः उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से हाेगा। शीतकालीन सत्र की अधिसूचना शुक्रवार काे जारी की गई। सत्र 19 दिसंबर काे प्रातः 11 बजे से आहूत होगा। पहले दिन दिवंगत सदस्याें काे नमन किया जाएगा। सत्र 24 दिसंबर तक चलेगा।
विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे व विधान परिषद के प्रमुख सचिव डा. राजेश सिंह ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इस बार सत्र केवल चार दिन यानी 24 दिसंबर तक चलने की संभावना है। पहले दिन 19 दिसंबर को शोक प्रकट कर सदन स्थगित हो जाएगा। मऊ की घोसी विधान सभा सीट के सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन 20 नवंबर को हो चुका है। 20 व 21 दिसंबर को शनिवार व रविवार का अवकाश रहेगा। सोमवार 22 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश करने के साथ ही करीब एक दर्जन विधेयक भी सदन में पेश किए जाएंगे।
दिल्ली में चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन यानी 19 दिसंबर से यूपी विधानमंडल का सत्र शुरू होगा। मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसे अंतिम स्वीकृति के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिल गई है। हर बार की तरह यह सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। विपक्षी दल एसआईआर के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरने का काम कर सकते हैं। सत्र की अवधि भले ही कम है, लेकिन सत्र के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य शामिल हैं।
परंपरा के अनुसार, सत्र की शुरुआत दिवंगत जनप्रतिनिधियों को श्रद्धांजलि देने के साथ होगी। प्रदेश सरकार इस सत्र में चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, अनुपूरक बजट 22 दिसंबर को सदन के पटल पर लाया जा सकता है। इसके अलावा दस से अधिक विधेयक पेश किए जाने की भी तैयारी है। प्रदेश सरकार का फोकस ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, स्वच्छ पेयजल, आवास समेत मूलभूत सुविधाओं पर रहने वाला है।
पंचायत चुनाव से पहले हो रहा यह सत्र राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। प्रदेश भर में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर विपक्ष पहले से ही हमलावर है। सपा, कांग्रेस और अन्य दलों ने सरकार को सदन में घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। इसके साथ ही कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई, किसानों की समस्याएं, महिलाओं की सुरक्षा और हालिया विवादित घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर सकता है।
वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार सत्र के दौरान अपने दूसरे कार्यकाल की प्रमुख योजनाओं, विकास कार्यों और उपलब्धियों को पेश करने की तैयारी में है। साथ ही पिछले महीनों में जारी कई अध्यादेशों को विधेयक के रूप में लाकर उन्हें कानून का स्वरूप देने की योजना भी है। कुल मिलाकर छोटा होने के बावजूद यूपी विधानमंडल का यह शीतकालीन सत्र बेहद कार्य व्यस्त और राजनीतिक रूप से गर्म रहने वाला है। एक ओर सरकार विकास कार्यों और बजट को आगे बढ़ाने में जुटी है, तो वहीं विपक्ष SIR से लेकर कानून-व्यवस्था और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार पर जोरदार प्रहार करने की तैयारी कर रहा है।

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